यिर्मयाह 31:30
क्योंकि जो कोई जंगली दाख खाए उसी के दांत खट्टे हो जाएंगे, और हर एक मनुष्य अपने ही अधर्म के कारण मारा जाएगा।
But | כִּ֛י | kî | kee |
אִם | ʾim | eem | |
every one | אִ֥ישׁ | ʾîš | eesh |
shall die | בַּעֲוֺנ֖וֹ | baʿăwōnô | ba-uh-voh-NOH |
iniquity: own his for | יָמ֑וּת | yāmût | ya-MOOT |
every | כָּל | kāl | kahl |
man | הָֽאָדָ֛ם | hāʾādām | ha-ah-DAHM |
eateth that | הָאֹכֵ֥ל | hāʾōkēl | ha-oh-HALE |
the sour grape, | הַבֹּ֖סֶר | habbōser | ha-BOH-ser |
teeth his | תִּקְהֶ֥ינָה | tiqhênâ | teek-HAY-na |
shall be set on edge. | שִׁנָּֽיו׃ | šinnāyw | shee-NAIV |