Jeremiah 25:4
और यद्यपि यहोवा तुम्हारे पास अपने सारे दासों अथवा भविष्यद्वक्ताओं को भी यह कहने के लिये बड़े यत्न से भेजता आया है
Jeremiah 25:4 in Other Translations
King James Version (KJV)
And the LORD hath sent unto you all his servants the prophets, rising early and sending them; but ye have not hearkened, nor inclined your ear to hear.
American Standard Version (ASV)
And Jehovah hath sent unto you all his servants the prophets, rising up early and sending them, (but ye have not hearkened, nor inclined your ear to hear,)
Bible in Basic English (BBE)
And the Lord has sent to you all his servants the prophets, getting up early and sending them; but you have not given attention and your ear has not been open to give hearing;
Darby English Bible (DBY)
And Jehovah hath sent unto you all his servants the prophets, rising early and sending; but ye have not hearkened, nor inclined your ear to hear,
World English Bible (WEB)
Yahweh has sent to you all his servants the prophets, rising up early and sending them, (but you have not listened, nor inclined your ear to hear),
Young's Literal Translation (YLT)
And Jehovah hath sent unto you all His servants, the prophets, rising early and sending, and ye have not hearkened, nor inclined your ear to hear, saying:
| And the Lord | וְשָׁלַח֩ | wĕšālaḥ | veh-sha-LAHK |
| hath sent | יְהוָ֨ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| unto | אֲלֵיכֶ֜ם | ʾălêkem | uh-lay-HEM |
| you | אֶֽת | ʾet | et |
| all | כָּל | kāl | kahl |
| his servants | עֲבָדָ֧יו | ʿăbādāyw | uh-va-DAV |
| the prophets, | הַנְּבִאִ֛ים | hannĕbiʾîm | ha-neh-vee-EEM |
| rising early | הַשְׁכֵּ֥ם | haškēm | hahsh-KAME |
| sending and | וְשָׁלֹ֖חַ | wĕšālōaḥ | veh-sha-LOH-ak |
| them; but ye have not | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
| hearkened, | שְׁמַעְתֶּ֑ם | šĕmaʿtem | sheh-ma-TEM |
| nor | וְלֹֽא | wĕlōʾ | veh-LOH |
| inclined | הִטִּיתֶ֥ם | hiṭṭîtem | hee-tee-TEM |
| אֶֽת | ʾet | et | |
| your ear | אָזְנְכֶ֖ם | ʾoznĕkem | oze-neh-HEM |
| to hear. | לִשְׁמֹֽעַ׃ | lišmōaʿ | leesh-MOH-ah |
Cross Reference
यिर्मयाह 25:3
आमोन के पुत्र यहूदा के राजा योशिय्याह के राज्य के तेरहवें वर्ष से ले कर आज के दिन तक अर्थात तेईस वर्ष से यहोवा का वचन मेरे पास पहुंचता आया है; और मैं उसे बड़े यत्न के साथ तुम से कहता आया हूँ; परन्तु तुम ने उसे नहीं सुना।
यिर्मयाह 26:5
और न मेरे दास भविष्यद्वक्ताओं के वचनों पर कान लगाओगे, (जिन्हें मैं तुम्हारे पास बड़ा यत्न कर के भेजता आया हूँ, परन्तु तुम ने उनकी नहीं सुनी),
यिर्मयाह 32:33
उन्होंने मेरी ओर मुंह नहीं वरन पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तौभी उन्होंने मेरी शिक्षा को नहीं माना।
यिर्मयाह 35:14
देखो, रेकाब के पुत्र योनादाब ने जो आज्ञा अपने वंश को दी थी कि तुम दाखमधु न पीना सो तो मानी गई है यहां तक कि आज के दिन भी वे लोग कुछ नहीं पीते, वे अपने पुरखा की आज्ञा मानते हैं; पर यद्यपि मैं तुम से बड़े यत्न से कहता आया हूँ, तौभी तुम ने मेरी नहीं सुनी।
यिर्मयाह 36:31
और मैं उसको और उसके वंश और कर्मचारियों को उनके अधर्म का दण्ड दूंगा; और जितनी विपत्ति मैं ने उन पर और यरूशलेम के निवासियों और यहूदा के सब लोगों पर डालने को कहा है, और जिस को उन्होंने सच नहीं माना, उन सब को मैं उन पर डालूंगा।
यिर्मयाह 44:4
तौभी मैं अपने सब दास भविष्यद्वक्ताओं को बड़े यत्न से यह कहने के लिये तुम्हारे पास भेजता रहा कि यह घृणित काम मत करो, जिस से मैं घृणा रखता हूँ।
जकर्याह 7:11
परन्तु उन्होंने चित्त लगाना न चाहा, और हठ किया, और अपने कानों को मूंद लिया ताकि सुन न सकें।
प्रेरितों के काम 7:51
जैसा तुम्हारे बाप दादे करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो।
इब्रानियों 12:25
सावधान रहो, और उस कहने वाले से मुंह न फेरो, क्योंकि वे लोग जब पृथ्वी पर के चितावनी देने वाले से मुंह मोड़ कर न बच सके, तो हम स्वर्ग पर से चितावनी करने वाले से मुंह मोड़ कर क्योंकर बच सकेंगे?
यिर्मयाह 29:19
क्योंकि जो वचन मैं ने अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उनके पास बड़ा यत्न कर के कहला भेजे हैं, उन को उन्होंने नहीं सुना, यहोवा की यही वाणी है।
यिर्मयाह 25:7
यह सुनने पर भी तुम ने मेरी नहीं मानी, वरन अपनी बनाई हुई वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाते आए हो जिस से तुम्हारी हानि ही हो सकती है, यहोवा की यही वाणी है।
यिर्मयाह 7:24
पर उन्होंने मेरी न सुनी और न मेरी बातों पर कान लगाया; वे अपनी ही युक्तियों और अपने बुरे मन के हठ पर चलते रहे और पीछे हट गए पर आगे न बढ़े।
यिर्मयाह 11:7
क्योंकि जिस समय से मैं तुम्हारे पुरखाओं को मिस्र देश से छुड़ा ले आया तब से आज के दिन तक उन को दृढ़ता से चिताता आया हूँ, मेरी बात सुनो।
यिर्मयाह 13:10
इस दुष्ट जाति के लोग जो मेरे वचन सुनने से इनकार करते हैं जो अपने मन के हठ पर चलते, दूसरे देवताओं के पीछे चल कर उनकी उपासना करते ओर उन को दण्डवत करते हैं, वे इस पेटी के समान हो जाएंगे जो किसी काम की नहीं रही।
यिर्मयाह 16:12
ओर जितनी बुराई तुम्हारे पुरखाओं ने की थी, उस से भी अधिक तुम करते हो, क्योंकि तुम अपने बुरे मन के हठ पर चलते हो और मेरी नहीं सुनते;
यिर्मयाह 17:23
परन्तु उन्होंने न सुना और न कान लगाया, परन्तु इसके विपरीत हठ किया कि न सुनें और ताड़ना से भी न मानें।
यिर्मयाह 18:12
परन्तु वे कहते हैं, ऐसा नहीं होने का, हम तो अपनी ही कल्पनाओं के अनुसार चलेंगे और अपने बुरे मन के हठ पर बने रहेंगे।
यिर्मयाह 19:15
इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता हे, देखो, सब गांवों समेत इस नगर पर वह सारी विपत्ति डालना चाहता हूँ जो मैं ने इस पर लाने को कहा है, क्योंकि उन्होंने हठ कर के मेरे वचन को नहीं माना है।
यिर्मयाह 22:21
तेरे सुख के समय मैं ने तुझ को चिताया था, परन्तु तू ने कहा, मैं तेरी न सुनूंगी। युवावस्था ही से तेरी चाल ऐसी है कि तू मेरी बात नहीं सुनती।
2 इतिहास 36:15
और उनके पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा ने बड़ा यत्न कर के अपने दूतों से उन के पास कहला भेजा, क्योंकि वह अपनी प्रजा और अपने धाम पर तरस खाता था;