Jeremiah 2:27
वे काठ से कहते हैं, तू मेरा बाप है, और पत्थर से कहते हैं, तू ने मुझे जन्म दिया है। इस प्रकार उन्होंने मेरी ओर मुंह नहीं पीठ ही फेरी है; परन्तु विपत्ति के समय वे कहते हैं, उठ कर हमें बचा!
Jeremiah 2:27 in Other Translations
King James Version (KJV)
Saying to a stock, Thou art my father; and to a stone, Thou hast brought me forth: for they have turned their back unto me, and not their face: but in the time of their trouble they will say, Arise, and save us.
American Standard Version (ASV)
who say to a stock, Thou art my father; and to a stone, Thou hast brought me forth: for they have turned their back unto me, and not their face; but in the time of their trouble they will say, Arise, and save us.
Bible in Basic English (BBE)
Who say to a tree, You are my father; and to a stone, You have given me life: for their backs have been turned to me, not their faces: but in the time of their trouble they will say, Up! and be our saviour.
Darby English Bible (DBY)
saying to a stock, Thou art my father; and to a stone, Thou hast brought me forth; for they have turned the back unto me, and not the face; and in the time of their trouble they will say, Arise, and save us!
World English Bible (WEB)
who tell a stock, You are my father; and to a stone, You have brought me forth: for they have turned their back to me, and not their face; but in the time of their trouble they will say, Arise, and save us.
Young's Literal Translation (YLT)
Saying to wood, `My father `art' thou!' And to a stone, `Thou hast brought me forth,' For they turned unto me the back and not the face, And in the time of their vexation, They say, `Arise Thou, and save us.'
| Saying | אֹמְרִ֨ים | ʾōmĕrîm | oh-meh-REEM |
| to a stock, | לָעֵ֜ץ | lāʿēṣ | la-AYTS |
| Thou | אָ֣בִי | ʾābî | AH-vee |
| father; my art | אַ֗תָּה | ʾattâ | AH-ta |
| stone, a to and | וְלָאֶ֙בֶן֙ | wĕlāʾeben | veh-la-EH-VEN |
| Thou | אַ֣תְּ | ʾat | at |
| forth: me brought hast | יְלִדְתָּ֔ניּ | yĕlidtāny | yeh-leed-TAHN-y |
| for | כִּֽי | kî | kee |
| they have turned | פָנ֥וּ | pānû | fa-NOO |
| back their | אֵלַ֛י | ʾēlay | ay-LAI |
| unto | עֹ֖רֶף | ʿōrep | OH-ref |
| me, and not | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
| their face: | פָנִ֑ים | pānîm | fa-NEEM |
| time the in but | וּבְעֵ֤ת | ûbĕʿēt | oo-veh-ATE |
| of their trouble | רָֽעָתָם֙ | rāʿātām | ra-ah-TAHM |
| say, will they | יֹֽאמְר֔וּ | yōʾmĕrû | yoh-meh-ROO |
| Arise, | ק֖וּמָה | qûmâ | KOO-ma |
| and save | וְהוֹשִׁיעֵֽנוּ׃ | wĕhôšîʿēnû | veh-hoh-shee-ay-NOO |
Cross Reference
यशायाह 26:16
हे यहोवा, दु:ख में वे तुझे स्मरण करते थे, जब तू उन्हें ताड़ना देता था तब वे दबे स्वर से अपने मन की बात तुझ पर प्रगट करते थे।
हबक्कूक 2:18
खुदी हुई मूरत में क्या लाभ देख कर बनाने वाले ने उसे खोदा है? फिर झूठ सिखाने वाली और ढली हुई मूरत में क्या लाभ देख कर ढालने वाले ने उस पर इतना भरोसा रखा है कि न बोलने वाली और निकम्मी मूरत बनाए?
होशे 7:14
वे मन से मेरी दोहाई नहीं देते, परन्तु अपने बिछौने पर पड़े हुए हाय, हाय, करते हैं; वे अन्न और नये दाखमधु पाने के लिये भीड़ लगाते, और मुझ से बलवा करते हैं।
होशे 5:15
जब तक वे अपने को अपराधी मान कर मेरे दर्शन के खोजी ना होंगे तब तक मैं अपने स्थान को लौटूंगा, और जब वे संकट में पड़ेंगे, तब जी लगा कर मुझे ढूंढने लगेंगे॥
यहेजकेल 23:35
तू ने जो मुझे भुला दिया है और अपना मुंह मुझ से फेर लिया है, इसलिये तू आप ही अपने महापाप और व्यभिचार का भार उठा, परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।
यहेजकेल 8:16
तब वह मुझे यहोवा के भवन के भीतरी आंगन में ले गया; और वहां यहोवा के भवन के द्वार के पास ओसारे और वेदी के बीच कोई पच्चीस पुरुष अपनी पीठ यहोवा के भवन की ओर और अपने मुख पूर्व की ओर किए हुए थे; और वे पूर्व दिशा की ओर सूर्य को दण्डवत कर रहे थे।
यिर्मयाह 32:33
उन्होंने मेरी ओर मुंह नहीं वरन पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तौभी उन्होंने मेरी शिक्षा को नहीं माना।
यिर्मयाह 22:23
हे लबानोन की रहने वाली, हे देवदार में अपना घोंसला बनाने वालो, जब तुझ को जच्चा की सी पीड़ाएं उठें तब तू व्याकुल हो जाएगी!
यिर्मयाह 18:17
मैं उन को पुरवाई से उड़ाकर शत्रु के साम्हने से तितर-बितर कर दूंगा। उनकी विपत्ति के दिन मैं उन को मुंह नहीं परन्तु पीठ दिखाऊंगा।
यिर्मयाह 10:8
परन्तु वे पशु सरीखे निरे मूर्ख हैं; मूर्त्तियों से क्या शिक्षा? वे तो काठ ही हैं!
यिर्मयाह 2:24
जंगल में पड़ी हुई जंगली गदही जो कामातुर हो कर वायु सूंघती फिरती है तब कौन उसे वश में कर सकता है? जितने उसको ढूंढ़ते हैं वे व्यर्थ परिश्रम न करें; क्योंकि वे उसे उसकी ॠतु में पाएंगे।
यशायाह 46:6
जो थैली से सोना उण्डेलते वा कांटे में चान्दी तौलते हैं, जो सुनार को मजदुरी देकर उस से देवता बनवाते हैं, तब वे उसे प्रणाम करते वरन दण्डवत भी करते हैं!
यशायाह 44:9
जो मूरत खोदकर बनाते हैं, वे सब के सब व्यर्थ हैं और जिन वस्तुओं में वे आनन्द ढूंढते उन से कुछ लाभ न होगा; उसके साक्षी, न तो आप कुछ देखते और न कुछ जानते हैं, इसलिये उन को लज्जित होना पड़ेगा।
भजन संहिता 115:4
उन लोगों की मूरतें सोने चान्दी ही की तो हैं, वे मनुष्यों के हाथ की बनाईं हुई हैं।
भजन संहिता 78:34
जब जब वह उन्हे घात करने लगता, तब तब वे उसको पूछते थे; और फिरकर ईश्वर को यत्न से खोजते थे।
न्यायियों 10:8
और उस वर्ष थे इस्राएलियोंको सताते और पीसते रहे। वरन यरदन पार एमोरियोंके देश गिलाद में रहनेवाले सब इस्राएलियोंपर अठारह वर्ष तक अन्धेर करते रहे।