Isaiah 9:12
और उनके शत्रुओं को अर्थात पहिले आराम को और तब पलिश्तियों को उभारेगा, और वे मुंह खोल कर इस्राएलियों को निगल लेंगे। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥
Isaiah 9:12 in Other Translations
King James Version (KJV)
The Syrians before, and the Philistines behind; and they shall devour Israel with open mouth. For all this his anger is not turned away, but his hand is stretched out still.
American Standard Version (ASV)
the Syrians before, and the Philistines behind; and they shall devour Israel with open mouth. For all this his anger is not turned away, but his hand is stretched out still.
Bible in Basic English (BBE)
Aram on the east, and the Philistines on the west, who have come against Israel with open mouths. For all this his wrath is not turned away, but his hand is stretched out still.
Darby English Bible (DBY)
the Syrians on the east, and the Philistines on the west; and they shall devour Israel with open mouth. For all this his anger is not turned away, and his hand is stretched out still.
World English Bible (WEB)
the Syrians before, and the Philistines behind; and they shall devour Israel with open mouth. For all this his anger is not turned away, but his hand is stretched out still.
Young's Literal Translation (YLT)
Aram from before, and Philistia from behind, And they devour Israel with the whole mouth. With all this not turned back hath His anger, And still His hand is stretched out.
| The Syrians | אֲרָ֣ם | ʾărām | uh-RAHM |
| before, | מִקֶּ֗דֶם | miqqedem | mee-KEH-dem |
| and the Philistines | וּפְלִשְׁתִּים֙ | ûpĕlištîm | oo-feh-leesh-TEEM |
| behind; | מֵֽאָח֔וֹר | mēʾāḥôr | may-ah-HORE |
| devour shall they and | וַיֹּאכְל֥וּ | wayyōʾkĕlû | va-yoh-heh-LOO |
| אֶת | ʾet | et | |
| Israel | יִשְׂרָאֵ֖ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
| with open | בְּכָל | bĕkāl | beh-HAHL |
| mouth. | פֶּ֑ה | pe | peh |
| all For | בְּכָל | bĕkāl | beh-HAHL |
| this | זֹאת֙ | zōt | zote |
| his anger | לֹא | lōʾ | loh |
| is not | שָׁ֣ב | šāb | shahv |
| away, turned | אַפּ֔וֹ | ʾappô | AH-poh |
| but his hand | וְע֖וֹד | wĕʿôd | veh-ODE |
| is stretched out still. | יָד֥וֹ | yādô | ya-DOH |
| נְטוּיָֽה׃ | nĕṭûyâ | neh-too-YA |
Cross Reference
यशायाह 5:25
इस कारण यहोवा का क्रोध अपनी प्रजा पर भड़का है, और उसने उनके विरुद्ध हाथ बढ़ा कर उन को मारा है, और पहाड़ कांप उठे; और लोगों की लोथें सड़कों के बीच कूड़ा सी पड़ी हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥
2 इतिहास 28:18
और पलिश्तयों ने नीचे के देश और यहूदा के दक्खिन देश के नगरों पर चढ़ाई कर के, बेतशेमेश, अय्यालोन और गदेरोत को, और अपने अपने गांवों समेत सोको, तिम्ना, और गिमजो को ले लिया; और उन में रहने लगे थे।
भजन संहिता 79:7
क्योंकि उन्होंने याकूब को निगल लिया, और उसके वासस्थान को उजाड़ दिया है।
2 राजा 16:6
उस समय अराम के राजा रसीन ने, एलत को अराम के वश में कर के, यहूदियों को वहां से निकाल दिया; तब अरामी लोग एलत को गए, और आज के दिन तक वहां रहते हैं।
यिर्मयाह 10:25
जो जाति तुझे नहीं जानती, और जो तुझ से प्रार्थना नहीं करते, उन्हीं पर अपनी जलजलाहट उण्डेल; क्योंकि उन्होंने याकूब को निगल लिया, वरन, उसे खाकर अन्त कर दिया है, और उसके निवास स्थान को उजाड़ दिया है।
यशायाह 10:4
और तुम अपने वैभव को कहां रख छोड़ोगे? वे केवल बंधुओं के पैरों के पास गिर पड़ेंगे और मरे हुओं के नीचे दबे पड़े रहेंगे। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥
यशायाह 9:21
मनश्शे एप्रैम को और एप्रैम मनश्शे को खाता है, और वे दोनों मिलकर यहूदा के विरुद्ध हैं इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ, और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥
यशायाह 9:17
इस कारण प्रभु न तो इनके जवानों से प्रसन्न होगा, और न इनके अनाथ बालकों और विधवाओं पर दया करेगा; क्योंकि हर एक भक्तिहीन और कुकर्मी है, और हर एक के मुख से मूर्खता की बातें निकलती हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥
यिर्मयाह 35:11
परन्तु जब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने इस देश पर चढ़ाई की, तब हम ने कहा, चलो, कसदियों और अरामियों के दलों के डर के मारे यरूशलेम में जाएं। इस कारण हम अब यरूशलेम में रहते हैं।
यिर्मयाह 4:8
इसलिये कमर में टाट बान्धो, विलाप और हाय हाय करो; क्योंकि यहोवा का भड़का हुआ कोप हम पर से टला नहीं है।
भजन संहिता 129:3
हलवाहों ने मेरी पीठ के ऊपर हल चलाया, और लम्बी लम्बी रेखाएं कीं।
व्यवस्थाविवरण 31:17
उस समय मेरा कोप इन पर भड़केगा, और मैं भी इन्हें त्यागकर इन से अपना मुंह छिपा लूंगा, और ये आहार हो जाएंगे; और बहुत सी विपत्तियां और क्लेश इन पर आ पड़ेंगे, यहां तक कि ये उस समय कहेंगे, क्या ये विपत्तियां हम पर इस कारण तो नहीं आ पड़ीं, क्योंकि हमारा परमेश्वर हमारे मध्य में नहीं रहा?