यशायाह 65:22
ऐसा नहीं होगा कि वे बनाएं और दूसरा बसे; वा वे लगाएं, और दूसरा खाए; क्योंकि मेरी प्रजा की आयु वृक्षों की सी होगी, और मेरे चुने हुए अपने कामों का पूरा लाभ उठाएंगे।
They shall not | לֹ֤א | lōʾ | loh |
build, | יִבְנוּ֙ | yibnû | yeev-NOO |
and another | וְאַחֵ֣ר | wĕʾaḥēr | veh-ah-HARE |
inhabit; | יֵשֵׁ֔ב | yēšēb | yay-SHAVE |
not shall they | לֹ֥א | lōʾ | loh |
plant, | יִטְּע֖וּ | yiṭṭĕʿû | yee-teh-OO |
and another | וְאַחֵ֣ר | wĕʾaḥēr | veh-ah-HARE |
eat: | יֹאכֵ֑ל | yōʾkēl | yoh-HALE |
for | כִּֽי | kî | kee |
as the days | כִימֵ֤י | kîmê | hee-MAY |
tree a of | הָעֵץ֙ | hāʿēṣ | ha-AYTS |
are the days | יְמֵ֣י | yĕmê | yeh-MAY |
of my people, | עַמִּ֔י | ʿammî | ah-MEE |
elect mine and | וּמַעֲשֵׂ֥ה | ûmaʿăśē | oo-ma-uh-SAY |
shall long enjoy | יְדֵיהֶ֖ם | yĕdêhem | yeh-day-HEM |
the work | יְבַלּ֥וּ | yĕballû | yeh-VA-loo |
of their hands. | בְחִירָֽי׃ | bĕḥîrāy | veh-hee-RAI |