यशायाह 65:1
जो मुझ को पूछते भी न थे वे मेरे खोजी हैं; जो मुझे ढूंढ़ते भी न थे उन्होंने मुझे पा लिया, और जो जाति मेरी नहीं कहलाई थी, उस से भी मैं कहता हूं, देख, मैं उपस्थित हूं।
I am sought | נִדְרַ֙שְׁתִּי֙ | nidraštiy | need-RAHSH-TEE |
asked that them of | לְל֣וֹא | lĕlôʾ | leh-LOH |
not | שָׁאָ֔לוּ | šāʾālû | sha-AH-loo |
found am I me; for | נִמְצֵ֖אתִי | nimṣēʾtî | neem-TSAY-tee |
of them that sought | לְלֹ֣א | lĕlōʾ | leh-LOH |
not: me | בִקְשֻׁ֑נִי | biqšunî | veek-SHOO-nee |
I said, | אָמַ֙רְתִּי֙ | ʾāmartiy | ah-MAHR-TEE |
Behold | הִנֵּ֣נִי | hinnēnî | hee-NAY-nee |
me, behold | הִנֵּ֔נִי | hinnēnî | hee-NAY-nee |
me, unto | אֶל | ʾel | el |
nation a | גּ֖וֹי | gôy | ɡoy |
that was not | לֹֽא | lōʾ | loh |
called | קֹרָ֥א | qōrāʾ | koh-RA |
by my name. | בִשְׁמִֽי׃ | bišmî | veesh-MEE |