यशायाह 62:1
सिय्योन के निमित्त मैं चुप न रहूंगा, और यरूशलेम के निमित्त मैं चैन न लूंगा, जब तक कि उसकी धामिर्कता प्रकाश की नाईं और उसका उद्धार जलते हुए पलीते के समान दिखाई न दे।
For Zion's | לְמַ֤עַן | lĕmaʿan | leh-MA-an |
sake | צִיּוֹן֙ | ṣiyyôn | tsee-YONE |
will I not | לֹ֣א | lōʾ | loh |
peace, my hold | אֶחֱשֶׁ֔ה | ʾeḥĕše | eh-hay-SHEH |
and for Jerusalem's | וּלְמַ֥עַן | ûlĕmaʿan | oo-leh-MA-an |
sake | יְרוּשָׁלִַ֖ם | yĕrûšālaim | yeh-roo-sha-la-EEM |
I will not | לֹ֣א | lōʾ | loh |
rest, | אֶשְׁק֑וֹט | ʾešqôṭ | esh-KOTE |
until | עַד | ʿad | ad |
the righteousness | יֵצֵ֤א | yēṣēʾ | yay-TSAY |
thereof go forth | כַנֹּ֙גַהּ֙ | kannōgah | ha-NOH-ɡA |
as brightness, | צִדְקָ֔הּ | ṣidqāh | tseed-KA |
salvation the and | וִישׁוּעָתָ֖הּ | wîšûʿātāh | vee-shoo-ah-TA |
thereof as a lamp | כְּלַפִּ֥יד | kĕlappîd | keh-la-PEED |
that burneth. | יִבְעָֽר׃ | yibʿār | yeev-AR |