यशायाह 61:11
क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के साम्हने धामिर्कता और धन्यवाद को बढ़ाएगा॥
For | כִּ֤י | kî | kee |
as the earth | כָאָ֙רֶץ֙ | kāʾāreṣ | ha-AH-RETS |
forth bringeth | תּוֹצִ֣יא | tôṣîʾ | toh-TSEE |
her bud, | צִמְחָ֔הּ | ṣimḥāh | tseem-HA |
garden the as and | וּכְגַנָּ֖ה | ûkĕgannâ | oo-heh-ɡa-NA |
sown are that things the causeth | זֵרוּעֶ֣יהָ | zērûʿêhā | zay-roo-A-ha |
forth; spring to it in | תַצְמִ֑יחַ | taṣmîaḥ | tahts-MEE-ak |
so | כֵּ֣ן׀ | kēn | kane |
the Lord | אֲדֹנָ֣י | ʾădōnāy | uh-doh-NAI |
God | יְהוִ֗ה | yĕhwi | yeh-VEE |
will cause righteousness | יַצְמִ֤יחַ | yaṣmîaḥ | yahts-MEE-ak |
praise and | צְדָקָה֙ | ṣĕdāqāh | tseh-da-KA |
to spring forth | וּתְהִלָּ֔ה | ûtĕhillâ | oo-teh-hee-LA |
before | נֶ֖גֶד | neged | NEH-ɡed |
all | כָּל | kāl | kahl |
the nations. | הַגּוֹיִֽם׃ | haggôyim | ha-ɡoh-YEEM |