यशायाह 60:18
तेरे देश में फिर कभी उपद्रव और तेरे सिवानों के भीतर उत्पात वा अन्धेर की चर्चा न सुनाईं पड़ेगी; परन्तु तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखेगी।
Violence | לֹא | lōʾ | loh |
shall no | יִשָּׁמַ֨ע | yiššāmaʿ | yee-sha-MA |
more | ע֤וֹד | ʿôd | ode |
be heard | חָמָס֙ | ḥāmās | ha-MAHS |
land, thy in | בְּאַרְצֵ֔ךְ | bĕʾarṣēk | beh-ar-TSAKE |
wasting | שֹׁ֥ד | šōd | shode |
nor destruction | וָשֶׁ֖בֶר | wāšeber | va-SHEH-ver |
borders; thy within | בִּגְבוּלָ֑יִךְ | bigbûlāyik | beeɡ-voo-LA-yeek |
but thou shalt call | וְקָרָ֤את | wĕqārāt | veh-ka-RAHT |
walls thy | יְשׁוּעָה֙ | yĕšûʿāh | yeh-shoo-AH |
Salvation, | חוֹמֹתַ֔יִךְ | ḥômōtayik | hoh-moh-TA-yeek |
and thy gates | וּשְׁעָרַ֖יִךְ | ûšĕʿārayik | oo-sheh-ah-RA-yeek |
Praise. | תְּהִלָּֽה׃ | tĕhillâ | teh-hee-LA |