यशायाह 59:21
और यहोवा यह कहता है, जो वाचा मैं ने उन से बान्धी है वह यह है, कि मेरा आत्मा तुझ पर ठहरा है, और अपने वचन जो मैं ने तेरे मुंह में डाले हैं अब से ले कर सर्वदा तक वे मेरे मुंह से, और, तेरे पुत्रों और पोतों के मुंह से भी कभी न हटेंगे॥
As for me, | וַאֲנִ֗י | waʾănî | va-uh-NEE |
this | זֹ֣את | zōt | zote |
is my covenant | בְּרִיתִ֤י | bĕrîtî | beh-ree-TEE |
with | אוֹתָם֙ | ʾôtām | oh-TAHM |
saith them, | אָמַ֣ר | ʾāmar | ah-MAHR |
the Lord; | יְהוָ֔ה | yĕhwâ | yeh-VA |
My spirit | רוּחִי֙ | rûḥiy | roo-HEE |
that | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
upon is | עָלֶ֔יךָ | ʿālêkā | ah-LAY-ha |
thee, and my words | וּדְבָרַ֖י | ûdĕbāray | oo-deh-va-RAI |
which | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
put have I | שַׂ֣מְתִּי | śamtî | SAHM-tee |
in thy mouth, | בְּפִ֑יךָ | bĕpîkā | beh-FEE-ha |
shall not | לֹֽא | lōʾ | loh |
depart | יָמ֡וּשׁוּ | yāmûšû | ya-MOO-shoo |
out of thy mouth, | מִפִּיךָ֩ | mippîkā | mee-pee-HA |
mouth the of out nor | וּמִפִּ֨י | ûmippî | oo-mee-PEE |
of thy seed, | זַרְעֲךָ֜ | zarʿăkā | zahr-uh-HA |
mouth the of out nor | וּמִפִּ֨י | ûmippî | oo-mee-PEE |
of thy seed's | זֶ֤רַע | zeraʿ | ZEH-ra |
seed, | זַרְעֲךָ֙ | zarʿăkā | zahr-uh-HA |
saith | אָמַ֣ר | ʾāmar | ah-MAHR |
Lord, the | יְהוָ֔ה | yĕhwâ | yeh-VA |
from henceforth | מֵעַתָּ֖ה | mēʿattâ | may-ah-TA |
and for | וְעַד | wĕʿad | veh-AD |
ever. | עוֹלָֽם׃ | ʿôlām | oh-LAHM |