यशायाह 58:7
क्या वह यह नहीं है कि अपनी रोटी भूखों को बांट देना, अनाथ और मारे मारे फिरते हुओं को अपने घर ले आना, किसी को नंगा देखकर वस्त्र पहिनाना, और अपने जातिभाइयों से अपने को न छिपाना?
Is it not | הֲל֨וֹא | hălôʾ | huh-LOH |
to deal | פָרֹ֤ס | pārōs | fa-ROSE |
bread thy | לָֽרָעֵב֙ | lārāʿēb | la-ra-AVE |
to the hungry, | לַחְמֶ֔ךָ | laḥmekā | lahk-MEH-ha |
bring thou that and | וַעֲנִיִּ֥ים | waʿăniyyîm | va-uh-nee-YEEM |
the poor | מְרוּדִ֖ים | mĕrûdîm | meh-roo-DEEM |
that are cast out | תָּ֣בִיא | tābîʾ | TA-vee |
house? thy to | בָ֑יִת | bāyit | VA-yeet |
when | כִּֽי | kî | kee |
thou seest | תִרְאֶ֤ה | tirʾe | teer-EH |
naked, the | עָרֹם֙ | ʿārōm | ah-ROME |
that thou cover | וְכִסִּית֔וֹ | wĕkissîtô | veh-hee-see-TOH |
hide thou that and him; | וּמִבְּשָׂרְךָ֖ | ûmibbĕśorkā | oo-mee-beh-sore-HA |
not thyself | לֹ֥א | lōʾ | loh |
from thine own flesh? | תִתְעַלָּֽם׃ | titʿallām | teet-ah-LAHM |