यशायाह 58:4
सुनो, तुम्हारे उपवास का फल यह होता है कि तुम आपस में लड़ते और झगड़ते और दुष्टता से घूंसे मारते हो। जैसा उपवास तुम आजकल रखते हो, उस से तुम्हारी प्रार्थना ऊपर नहीं सुनाई देगी।
Behold, | הֵ֣ן | hēn | hane |
ye fast | לְרִ֤יב | lĕrîb | leh-REEV |
for strife | וּמַצָּה֙ | ûmaṣṣāh | oo-ma-TSA |
and debate, | תָּצ֔וּמוּ | tāṣûmû | ta-TSOO-moo |
smite to and | וּלְהַכּ֖וֹת | ûlĕhakkôt | oo-leh-HA-kote |
with the fist | בְּאֶגְרֹ֣ף | bĕʾegrōp | beh-eɡ-ROFE |
of wickedness: | רֶ֑שַׁע | rešaʿ | REH-sha |
not shall ye | לֹא | lōʾ | loh |
fast | תָצ֣וּמוּ | tāṣûmû | ta-TSOO-moo |
as ye do this day, | כַיּ֔וֹם | kayyôm | HA-yome |
voice your make to | לְהַשְׁמִ֥יעַ | lĕhašmîaʿ | leh-hahsh-MEE-ah |
to be heard | בַּמָּר֖וֹם | bammārôm | ba-ma-ROME |
on high. | קוֹלְכֶֽם׃ | qôlĕkem | koh-leh-HEM |