यशायाह 58:1
गला खोल कर पुकार, कुछ न रख छोड़, नरसिंगे का सा ऊंचा शब्द कर; मेरी प्रजा को उसका अपराध अर्थात याकूब के घराने को उसका पाप जता दे।
Cry | קְרָ֤א | qĕrāʾ | keh-RA |
aloud, | בְגָרוֹן֙ | bĕgārôn | veh-ɡa-RONE |
spare | אַל | ʾal | al |
not, | תַּחְשֹׂ֔ךְ | taḥśōk | tahk-SOKE |
lift up | כַּשּׁוֹפָ֖ר | kaššôpār | ka-shoh-FAHR |
voice thy | הָרֵ֣ם | hārēm | ha-RAME |
like a trumpet, | קוֹלֶ֑ךָ | qôlekā | koh-LEH-ha |
shew and | וְהַגֵּ֤ד | wĕhaggēd | veh-ha-ɡADE |
my people | לְעַמִּי֙ | lĕʿammiy | leh-ah-MEE |
their transgression, | פִּשְׁעָ֔ם | pišʿām | peesh-AM |
house the and | וּלְבֵ֥ית | ûlĕbêt | oo-leh-VATE |
of Jacob | יַעֲקֹ֖ב | yaʿăqōb | ya-uh-KOVE |
their sins. | חַטֹּאתָֽם׃ | ḥaṭṭōʾtām | ha-toh-TAHM |