यशायाह 57:17
उसके लोभ के पाप के कारण मैं ने क्रोधित हो कर उसको दु:ख दिया था, और क्रोध के मारे उस से मुंह छिपाया था; परन्तु वह अपने मनमाने मार्ग में दूर भटकता चला गया था।
For the iniquity | בַּעֲוֺ֥ן | baʿăwōn | ba-uh-VONE |
of his covetousness | בִּצְע֛וֹ | biṣʿô | beets-OH |
wroth, I was | קָצַ֥פְתִּי | qāṣaptî | ka-TSAHF-tee |
and smote | וְאַכֵּ֖הוּ | wĕʾakkēhû | veh-ah-KAY-hoo |
him: I hid | הַסְתֵּ֣ר | hastēr | hahs-TARE |
wroth, was and me, | וְאֶקְצֹ֑ף | wĕʾeqṣōp | veh-ek-TSOFE |
and he went on | וַיֵּ֥לֶךְ | wayyēlek | va-YAY-lek |
frowardly | שׁוֹבָ֖ב | šôbāb | shoh-VAHV |
in the way | בְּדֶ֥רֶךְ | bĕderek | beh-DEH-rek |
of his heart. | לִבּֽוֹ׃ | libbô | lee-boh |