यशायाह 54:11
हे दु:खियारी, तू जो आंधी की सताई है और जिस को शान्ति नहीं मिली, सुन, मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी कर के बैठाऊंगा, और तेरी नेव नीलमणि से डालूंगा।
O thou afflicted, | עֲנִיָּ֥ה | ʿăniyyâ | uh-nee-YA |
tossed with tempest, | סֹעֲרָ֖ה | sōʿărâ | soh-uh-RA |
not and | לֹ֣א | lōʾ | loh |
comforted, | נֻחָ֑מָה | nuḥāmâ | noo-HA-ma |
behold, | הִנֵּ֨ה | hinnē | hee-NAY |
I | אָנֹכִ֜י | ʾānōkî | ah-noh-HEE |
lay will | מַרְבִּ֤יץ | marbîṣ | mahr-BEETS |
thy stones | בַּפּוּךְ֙ | bappûk | ba-pook |
with fair colours, | אֲבָנַ֔יִךְ | ʾăbānayik | uh-va-NA-yeek |
foundations thy lay and | וִיסַדְתִּ֖יךְ | wîsadtîk | vee-sahd-TEEK |
with sapphires. | בַּסַּפִּירִֽים׃ | bassappîrîm | ba-sa-pee-REEM |