यशायाह 46:11
मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करने वाले पुरूष को बुलाता हूं। मैं ही ने यह बात कही है और उसे पूरी भी करूंगा; मैं ने यह विचार बान्धा है और उसे सफल भी करूंगा।
Calling | קֹרֵ֤א | qōrēʾ | koh-RAY |
a ravenous bird | מִמִּזְרָח֙ | mimmizrāḥ | mee-meez-RAHK |
east, the from | עַ֔יִט | ʿayiṭ | AH-yeet |
the man | מֵאֶ֥רֶץ | mēʾereṣ | may-EH-rets |
counsel my executeth that | מֶרְחָ֖ק | merḥāq | mer-HAHK |
from a far | אִ֣ישׁ | ʾîš | eesh |
country: | עֲצָתִ֑ו | ʿăṣātiw | uh-tsa-TEEV |
yea, | אַף | ʾap | af |
spoken have I | דִּבַּ֙רְתִּי֙ | dibbartiy | dee-BAHR-TEE |
it, I will also | אַף | ʾap | af |
bring | אֲבִיאֶ֔נָּה | ʾăbîʾennâ | uh-vee-EH-na |
purposed have I pass; to it | יָצַ֖רְתִּי | yāṣartî | ya-TSAHR-tee |
it, I will also | אַף | ʾap | af |
do | אֶעֱשֶֽׂנָּה׃ | ʾeʿĕśennâ | eh-ay-SEH-na |