Isaiah 41:19
मैं जंगल में देवदार, बबूल, मेंहदी, और जलपाई उगाऊंगा; मैं अराबा में सनौवर, तिधार वृक्ष, और सीधा सनौबर इकट्ठे लगाऊंगा;
Isaiah 41:19 in Other Translations
King James Version (KJV)
I will plant in the wilderness the cedar, the shittah tree, and the myrtle, and the oil tree; I will set in the desert the fir tree, and the pine, and the box tree together:
American Standard Version (ASV)
I will put in the wilderness the cedar, the acacia, and the myrtle, and the oil-tree; I will set in the desert the fir-tree, the pine, and the box-tree together:
Bible in Basic English (BBE)
I will put in the waste land the cedar, the acacia, the myrtle, and the olive-tree; and in the lowland will be planted the fir-tree, the plane, and the cypress together:
Darby English Bible (DBY)
I will give in the wilderness the cedar, acacia, myrtle, and oleaster; I will set in the desert the cypress, pine, and box-tree together;
World English Bible (WEB)
I will put in the wilderness the cedar, the acacia, and the myrtle, and the oil tree; I will set in the desert the fir tree, the pine, and the box tree together:
Young's Literal Translation (YLT)
I give in a wilderness the cedar, Shittah, and myrtle, and oil-tree, I set in a desert the fir-pine and box-wood together.
| I will plant | אֶתֵּ֤ן | ʾettēn | eh-TANE |
| in the wilderness | בַּמִּדְבָּר֙ | bammidbār | ba-meed-BAHR |
| the cedar, | אֶ֣רֶז | ʾerez | EH-rez |
| tree, shittah the | שִׁטָּ֔ה | šiṭṭâ | shee-TA |
| and the myrtle, | וַהֲדַ֖ס | wahădas | va-huh-DAHS |
| and the oil | וְעֵ֣ץ | wĕʿēṣ | veh-AYTS |
| tree; | שָׁ֑מֶן | šāmen | SHA-men |
| I will set | אָשִׂ֣ים | ʾāśîm | ah-SEEM |
| in the desert | בָּעֲרָבָ֗ה | bāʿărābâ | ba-uh-ra-VA |
| tree, fir the | בְּר֛וֹשׁ | bĕrôš | beh-ROHSH |
| and the pine, | תִּדְהָ֥ר | tidhār | teed-HAHR |
| and the box tree | וּתְאַשּׁ֖וּר | ûtĕʾaššûr | oo-teh-AH-shoor |
| together: | יַחְדָּֽו׃ | yaḥdāw | yahk-DAHV |
Cross Reference
यशायाह 55:13
तब भटकटैयों की सन्ती सनौवर उगेंगे; और बिच्छु पेड़ों की सन्ती मेंहदी उगेगी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिन्ह होगा और कभी न मिटेगा।
यशायाह 60:13
लबानोन का वैभव अर्थात सनौबर और देवदार और सीधे सनौबर के पेड़ एक साथ तेरे पास आएंगे कि मेरे पवित्रस्थान को सुशोभित करें; और मैं अपने चरणों के स्थान को महिमा दूंगा।
यशायाह 37:31
और यहूदा के घराने के बचे हुए लोग फिर जड़ पकड़ेंगे और फूलें-फलेंगे;
यशायाह 35:1
जंगल और निर्जल देश प्रफुल्लित होंगे, मरूभूमि मगन हो कर केसर की नाईं फूलेगी;
यहेजकेल 47:12
और नदी के दोनों तीरों पर भांति भांति के खाने योग्य फलदाई वृक्ष उपजेंगे, जिनके पत्ते न मुर्झाएंगे और उनका फलना भी कभी बन्द न होगा, क्योंकि नदी का जल पवित्र स्थान से निकला है। उन में महीने महीने, नये नये फल लगेंगे। उनके फल तो खाने के, ओर पत्ते औषधि के काम आएंगे।
यहेजकेल 17:22
फिर प्रभु यहोवा यों कहता है, मैं भी देवदार की ऊंची फुनगी में से कुछ ले कर लगाऊंगा, और उसकी सब से ऊपर वाली कनखाओं में से एक कोमल कनखा तोड़ कर एक अति ऊंचे पर्वत पर लगाऊंगा।
यशायाह 61:11
क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के साम्हने धामिर्कता और धन्यवाद को बढ़ाएगा॥
यशायाह 61:3
और सिय्योन के विलाप करने वालों के सिर पर की राख दूर कर के सुन्दर पगड़ी बान्ध दूं, कि उनका विलाप दूर कर के हर्ष का तेल लगाऊं और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं; जिस से वे धर्म के बांजवृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएं और जिस से उसकी महिमा प्रगट हो।
यशायाह 60:21
और तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिस से मेरी महिमा प्रगट हो।
यशायाह 51:3
यहोवा ने सिय्योन को शान्ति दी है, उसने उसके सब खण्डहरों को शान्ति दी है; वह उसके जंगल को अदन के समान और उस के निर्जल देश को यहोवा की बाटिका के समान बनाएगा; उस में हर्ष और आनन्द और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई पड़ेगा॥
यशायाह 32:15
जब तक आत्मा ऊपर से हम पर उण्डेला न जाए, और जंगल फलदायक बारी न बने, और फलदायक बारी फिर वन न गिनी जाए।
यशायाह 27:6
भविष्य में याकूब जड़ पकड़ेगा, और इस्राएल फूले-फलेगा, और उसके फलों से जगत भर जाएगा॥
भजन संहिता 92:13
वे यहोवा के भवन में रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे।