यशायाह 36:5
मेरा कहना है कि क्या मुंह से बातें बनाना ही युद्ध के लिये पराक्रम और युक्ति है? तू किस पर भरोसा रखता है कि तू ने मुझ से बलवा किया है?
I say, | אָמַ֙רְתִּי֙ | ʾāmartiy | ah-MAHR-TEE |
sayest thou, (but | אַךְ | ʾak | ak |
vain but are they | דְּבַר | dĕbar | deh-VAHR |
words) | שְׂפָתַ֔יִם | śĕpātayim | seh-fa-TA-yeem |
I have counsel | עֵצָ֥ה | ʿēṣâ | ay-TSA |
strength and | וּגְבוּרָ֖ה | ûgĕbûrâ | oo-ɡeh-voo-RA |
for war: | לַמִּלְחָמָ֑ה | lammilḥāmâ | la-meel-ha-MA |
now | עַתָּה֙ | ʿattāh | ah-TA |
on | עַל | ʿal | al |
whom | מִ֣י | mî | mee |
trust, thou dost | בָטַ֔חְתָּ | bāṭaḥtā | va-TAHK-ta |
that | כִּ֥י | kî | kee |
thou rebellest | מָרַ֖דְתָּ | māradtā | ma-RAHD-ta |
against me? | בִּֽי׃ | bî | bee |