यशायाह 34:4
आकाश के सारे गण जाते रहेंगे और आकाश कागज की नाईं लपेटा जाएगा। और जैसे दाखलता वा अंजीर के वृक्ष के पत्ते मुर्झाकर गिर जाते हैं, वैसे ही उसके सारे गण धुंधले हो कर जाते रहेंगे॥
And all | וְנָמַ֙קּוּ֙ | wĕnāmaqqû | veh-na-MA-KOO |
the host | כָּל | kāl | kahl |
heaven of | צְבָ֣א | ṣĕbāʾ | tseh-VA |
shall be dissolved, | הַשָּׁמַ֔יִם | haššāmayim | ha-sha-MA-yeem |
heavens the and | וְנָגֹ֥לּוּ | wĕnāgōllû | veh-na-ɡOH-loo |
shall be rolled together | כַסֵּ֖פֶר | kassēper | ha-SAY-fer |
scroll: a as | הַשָּׁמָ֑יִם | haššāmāyim | ha-sha-MA-yeem |
and all | וְכָל | wĕkāl | veh-HAHL |
host their | צְבָאָ֣ם | ṣĕbāʾām | tseh-va-AM |
shall fall down, | יִבּ֔וֹל | yibbôl | YEE-bole |
leaf the as | כִּנְבֹ֤ל | kinbōl | keen-VOLE |
falleth off | עָלֶה֙ | ʿāleh | ah-LEH |
vine, the from | מִגֶּ֔פֶן | miggepen | mee-ɡEH-fen |
and as a falling | וּכְנֹבֶ֖לֶת | ûkĕnōbelet | oo-heh-noh-VEH-let |
fig the from fig tree. | מִתְּאֵנָֽה׃ | mittĕʾēnâ | mee-teh-ay-NA |