यशायाह 28:4
और उनकी भड़कीली सुन्दरता का मुर्झानेवाला फूल जो अति उपजाऊ तराई के सिरे पर है, वह ग्रीष्मकाल से पहिले पके अंजीर के समान होगा, जिसे देखने वाला देखते ही हाथ में ले और निगल जाए॥
And the glorious | וְֽהָ֨יְתָ֜ה | wĕhāyĕtâ | veh-HA-yeh-TA |
beauty, | צִיצַ֤ת | ṣîṣat | tsee-TSAHT |
which | נֹבֵל֙ | nōbēl | noh-VALE |
on is | צְבִ֣י | ṣĕbî | tseh-VEE |
the head | תִפְאַרְתּ֔וֹ | tipʾartô | teef-ar-TOH |
fat the of | אֲשֶׁ֥ר | ʾăšer | uh-SHER |
valley, | עַל | ʿal | al |
shall be | רֹ֖אשׁ | rōš | rohsh |
a fading | גֵּ֣יא | gêʾ | ɡay |
flower, | שְׁמָנִ֑ים | šĕmānîm | sheh-ma-NEEM |
fruit hasty the as and | כְּבִכּוּרָהּ֙ | kĕbikkûrāh | keh-vee-koo-RA |
before | בְּטֶ֣רֶם | bĕṭerem | beh-TEH-rem |
the summer; | קַ֔יִץ | qayiṣ | KA-yeets |
which | אֲשֶׁ֨ר | ʾăšer | uh-SHER |
when he that looketh | יִרְאֶ֤ה | yirʾe | yeer-EH |
seeth, it upon | הָֽרֹאֶה֙ | hārōʾeh | ha-roh-EH |
while it is yet | אוֹתָ֔הּ | ʾôtāh | oh-TA |
hand his in | בְּעוֹדָ֥הּ | bĕʿôdāh | beh-oh-DA |
he eateth it up. | בְּכַפּ֖וֹ | bĕkappô | beh-HA-poh |
יִבְלָעֶֽנָּה׃ | yiblāʿennâ | yeev-la-EH-na |