यशायाह 19:17
ओर यहूदा का देश मिस्र के लिये यहां तक भय का कारण होगा कि जो कोई उसकी चर्चा सुनेगा वह थरथरा उठेगा; सेनाओं के यहोवा की उस युक्ति का यही फल होगा जो वह मिस्र के विरुद्ध करता है॥
And the land | וְ֠הָיְתָה | wĕhāytâ | VEH-hai-ta |
of Judah | אַדְמַ֨ת | ʾadmat | ad-MAHT |
be shall | יְהוּדָ֤ה | yĕhûdâ | yeh-hoo-DA |
a terror | לְמִצְרַ֙יִם֙ | lĕmiṣrayim | leh-meets-RA-YEEM |
Egypt, unto | לְחָגָּ֔א | lĕḥoggāʾ | leh-hoh-ɡA |
every one | כֹּל֩ | kōl | kole |
that | אֲשֶׁ֨ר | ʾăšer | uh-SHER |
maketh mention | יַזְכִּ֥יר | yazkîr | yahz-KEER |
afraid be shall thereof | אֹתָ֛הּ | ʾōtāh | oh-TA |
in | אֵלָ֖יו | ʾēlāyw | ay-LAV |
himself, because | יִפְחָ֑ד | yipḥād | yeef-HAHD |
of the counsel | מִפְּנֵ֗י | mippĕnê | mee-peh-NAY |
Lord the of | עֲצַת֙ | ʿăṣat | uh-TSAHT |
of hosts, | יְהוָ֣ה | yĕhwâ | yeh-VA |
which | צְבָא֔וֹת | ṣĕbāʾôt | tseh-va-OTE |
he | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
hath determined | ה֖וּא | hûʾ | hoo |
against | יוֹעֵ֥ץ | yôʿēṣ | yoh-AYTS |
it. | עָלָֽיו׃ | ʿālāyw | ah-LAIV |