यशायाह 17:3
एप्रैम के गढ़ वाले नगर, और दमिश्क का राज्य और बचे हुए अरामी, तीनों भविष्य में न रहेंगे; और जो दशा इस्राएलियों के वैभव की हुई वही उनकी होगी; सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है॥
The fortress | וְנִשְׁבַּ֤ת | wĕnišbat | veh-neesh-BAHT |
also shall cease | מִבְצָר֙ | mibṣār | meev-TSAHR |
from Ephraim, | מֵֽאֶפְרַ֔יִם | mēʾeprayim | may-ef-RA-yeem |
kingdom the and | וּמַמְלָכָ֥ה | ûmamlākâ | oo-mahm-la-HA |
from Damascus, | מִדַּמֶּ֖שֶׂק | middammeśeq | mee-da-MEH-sek |
and the remnant | וּשְׁאָ֣ר | ûšĕʾār | oo-sheh-AR |
Syria: of | אֲרָ֑ם | ʾărām | uh-RAHM |
they shall be | כִּכְב֤וֹד | kikbôd | keek-VODE |
as the glory | בְּנֵֽי | bĕnê | beh-NAY |
children the of | יִשְׂרָאֵל֙ | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
of Israel, | יִֽהְי֔וּ | yihĕyû | yee-heh-YOO |
saith | נְאֻ֖ם | nĕʾum | neh-OOM |
the Lord | יְהוָ֥ה | yĕhwâ | yeh-VA |
of hosts. | צְבָאֽוֹת׃ | ṣĕbāʾôt | tseh-va-OTE |