होशे 10:1
इस्राएल एक लहलहाती हुई दाखलता सी है, जिस में बहुत से फल भी लगे, परन्तु ज्यों ज्यों उस के फल बढ़े, त्यों त्यों उसने अधिक वेदियां बनाईं जैसे जैसे उसकी भूमि सुधरी, वैसे ही वे सुन्दर लाटें बनाते गए।
Israel | גֶּ֤פֶן | gepen | ɡEH-fen |
is an empty | בּוֹקֵק֙ | bôqēq | boh-KAKE |
vine, | יִשְׂרָאֵ֔ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
he bringeth forth | פְּרִ֖י | pĕrî | peh-REE |
fruit | יְשַׁוֶּה | yĕšawwe | yeh-sha-WEH |
unto himself: according to the multitude | לּ֑וֹ | lô | loh |
fruit his of | כְּרֹ֣ב | kĕrōb | keh-ROVE |
he hath increased | לְפִרְי֗וֹ | lĕpiryô | leh-feer-YOH |
the altars; | הִרְבָּה֙ | hirbāh | heer-BA |
goodness the to according | לַֽמִּזְבְּח֔וֹת | lammizbĕḥôt | la-meez-beh-HOTE |
of his land | כְּט֣וֹב | kĕṭôb | keh-TOVE |
goodly made have they | לְאַרְצ֔וֹ | lĕʾarṣô | leh-ar-TSOH |
images. | הֵיטִ֖יבוּ | hêṭîbû | hay-TEE-voo |
מַצֵּבֽוֹת׃ | maṣṣēbôt | ma-tsay-VOTE |