Hebrews 12:16
ऐसा न हो, कि कोई जन व्यभिचारी, कष्ट ऐसाव की नाईं अधर्मी हो, जिस न एक बार के भोजन के बदले अपने पहिलौठे होने का पद बेच डाला।
Hebrews 12:16 in Other Translations
King James Version (KJV)
Lest there be any fornicator, or profane person, as Esau, who for one morsel of meat sold his birthright.
American Standard Version (ASV)
lest `there be' any fornication, or profane person, as Esau, who for one mess of meat sold his own birthright.
Bible in Basic English (BBE)
And that there may not be any evil liver, or any man without respect for God, like Esau, who let his birthright go for a plate of food.
Darby English Bible (DBY)
lest [there be] any fornicator, or profane person, as Esau, who for one meal sold his birthright;
World English Bible (WEB)
lest there be any sexually immoral person, or profane person, as Esau, who sold his birthright for one meal.
Young's Literal Translation (YLT)
lest any one be a fornicator, or a profane person, as Esau, who in exchange for one morsel of food did sell his birthright,
| Lest there | μή | mē | may |
| be any | τις | tis | tees |
| fornicator, | πόρνος | pornos | PORE-nose |
| or | ἢ | ē | ay |
| profane person, | βέβηλος | bebēlos | VAY-vay-lose |
| as | ὡς | hōs | ose |
| Esau, | Ἠσαῦ | ēsau | ay-SAF |
| who | ὃς | hos | ose |
| for | ἀντὶ | anti | an-TEE |
| one | βρώσεως | brōseōs | VROH-say-ose |
| morsel of meat | μιᾶς | mias | mee-AS |
| sold | ἀπέδοτο | apedoto | ah-PAY-thoh-toh |
| his | τὰ | ta | ta |
| πρωτοτόκια | prōtotokia | proh-toh-TOH-kee-ah | |
| birthright. | αὐτοῦ | autou | af-TOO |
Cross Reference
इब्रानियों 13:4
विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और बिछौना निष्कलंक रहे; क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा।
उत्पत्ति 25:31
याकूब ने कहा, अपना पहिलौठे का अधिकार आज मेरे हाथ बेच दे।
प्रेरितों के काम 15:29
कि तुम मूरतों के बलि किए हुओं से, और लोहू से, और गला घोंटे हुओं के मांस से, और व्यभिचार से, परे रहो। इन से परे रहो; तो तुम्हारा भला होगा आगे शुभ॥
प्रकाशित वाक्य 22:15
पर कुत्ते, और टोन्हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहने वाला, और गढ़ने वाला बाहर रहेगा॥
प्रकाशित वाक्य 21:8
पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥
प्रकाशित वाक्य 2:20
पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है, कि तू उस स्त्री इजेबेल को रहने देता है जो अपने आप को भविष्यद्वक्तिन कहती है, और मेरे दासों को व्यभिचार करने, और मूरतों के आगे के बलिदान खाने को सिखला कर भरमाती है।
1 थिस्सलुनीकियों 4:3
क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो।
कुलुस्सियों 3:5
इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है।
इफिसियों 5:5
क्योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं।
इफिसियों 5:3
और जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो।
गलातियों 5:19
शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन।
2 कुरिन्थियों 12:21
और मेरा परमेश्वर कहीं मेरे फिर से तुम्हारे यहां आने पर मुझ पर दबाव डाले और मुझे बहुतों के लिये फिर शोक करना पड़े, जिन्हों ने पहिले पाप किया था, और उस गन्दे काम, और व्यभिचार, और लुचपन से, जो उन्होंने किया, मन नहीं फिराया॥
1 कुरिन्थियों 10:8
और न हम व्यभिचार करें; जैसा उन में से कितनों ने किया: एक दिन में तेईस हजार मर गये ।
1 कुरिन्थियों 6:15
क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह मसीह के अंग हैं? सो क्या मैं मसीह के अंग लेकर उन्हें वेश्या के अंग बनाऊं? कदापि नहीं।
1 कुरिन्थियों 5:9
मैं ने अपनी पत्री में तुम्हें लिखा है, कि व्यभिचारियों की संगति न करना।
1 कुरिन्थियों 5:1
यहां तक सुनने में आता है, कि तुम में व्यभिचार होता है, वरन ऐसा व्यभिचार जो अन्यजातियों में भी नहीं होता, कि एक मनुष्य अपने पिता की पत्नी को रखता है।
प्रेरितों के काम 15:20
परन्तु उन्हें लिख भेंजें, कि वे मूरतों की अशुद्धताओं और व्यभिचार और गला घोंटे हुओं के मांस से और लोहू से परे रहें।
मरकुस 7:21
क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता, व्यभिचार।
उत्पत्ति 27:36
उसने कहा, क्या उसका नाम याकूब यथार्थ नहीं रखा गया? उसने मुझे दो बार अड़ंगा मारा, मेरा पहिलौठे का अधिकार तो उसने ले ही लिया था: और अब देख, उसने मेरा आशीर्वाद भी ले लिया है: फिर उसने कहा, क्या तू ने मेरे लिये भी कोई आशीर्वाद नहीं सोच रखा है?