हबक्कूक 2:5
दाखमधु से धोखा होता है; अहंकारी पुरूष घर में नहीं रहता, और उसकी लालसा अधोलोक के समान पूरी नहीं होती, और मृत्यु की नाईं उसका पेट नहीं भरता। वह सब जातियों को अपने पास खींच लेता, और सब देशों के लोगों को अपने पास इकट्ठे कर रखता है॥
Yea | וְאַף֙ | wĕʾap | veh-AF |
also, because | כִּֽי | kî | kee |
he transgresseth | הַיַּ֣יִן | hayyayin | ha-YA-yeen |
by wine, | בּוֹגֵ֔ד | bôgēd | boh-ɡADE |
proud a is he | גֶּ֥בֶר | geber | ɡEH-ver |
man, | יָהִ֖יר | yāhîr | ya-HEER |
neither | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
home, at keepeth | יִנְוֶ֑ה | yinwe | yeen-VEH |
who | אֲשֶׁר֩ | ʾăšer | uh-SHER |
enlargeth | הִרְחִ֨יב | hirḥîb | heer-HEEV |
his desire | כִּשְׁא֜וֹל | kišʾôl | keesh-OLE |
hell, as | נַפְשׁ֗וֹ | napšô | nahf-SHOH |
and is as death, | וְה֤וּא | wĕhûʾ | veh-HOO |
cannot and | כַמָּ֙וֶת֙ | kammāwet | ha-MA-VET |
be satisfied, | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
gathereth but | יִשְׂבָּ֔ע | yiśbāʿ | yees-BA |
unto | וַיֶּאֱסֹ֤ף | wayyeʾĕsōp | va-yeh-ay-SOFE |
him all | אֵלָיו֙ | ʾēlāyw | ay-lav |
nations, | כָּל | kāl | kahl |
heapeth and | הַגּוֹיִ֔ם | haggôyim | ha-ɡoh-YEEM |
unto | וַיִּקְבֹּ֥ץ | wayyiqbōṣ | va-yeek-BOHTS |
him all | אֵלָ֖יו | ʾēlāyw | ay-LAV |
people: | כָּל | kāl | kahl |
הָעַמִּֽים׃ | hāʿammîm | ha-ah-MEEM |