Genesis 49:22
यूसुफ बलवन्त लता की एक शाखा है, वह सोते के पास लगी हुई फलवन्त लता की एक शाखा है; उसकी डालियां भीत पर से चढ़कर फैल जाती हैं॥
Genesis 49:22 in Other Translations
King James Version (KJV)
Joseph is a fruitful bough, even a fruitful bough by a well; whose branches run over the wall:
American Standard Version (ASV)
Joseph is a fruitful bough, A fruitful bough by a fountain; His branches run over the wall.
Bible in Basic English (BBE)
Joseph is a young ox, whose steps are turned to the fountain;
Darby English Bible (DBY)
Joseph is a fruitful bough; A fruitful bough by a well; [His] branches shoot over the wall.
Webster's Bible (WBT)
Joseph is a fruitful bough, even a fruitful bough by a well; whose branches run over the wall:
World English Bible (WEB)
"Joseph is a fruitful vine, A fruitful vine by a spring; His branches run over the wall.
Young's Literal Translation (YLT)
Joseph `is' a fruitful son; A fruitful son by a fountain, Daughters step over the wall;
| Joseph | בֵּ֤ן | bēn | bane |
| is a fruitful | פֹּרָת֙ | pōrāt | poh-RAHT |
| bough, | יוֹסֵ֔ף | yôsēp | yoh-SAFE |
| even a fruitful | בֵּ֥ן | bēn | bane |
| bough | פֹּרָ֖ת | pōrāt | poh-RAHT |
| by | עֲלֵי | ʿălê | uh-LAY |
| a well; | עָ֑יִן | ʿāyin | AH-yeen |
| whose branches | בָּנ֕וֹת | bānôt | ba-NOTE |
| run | צָֽעֲדָ֖ה | ṣāʿădâ | tsa-uh-DA |
| over | עֲלֵי | ʿălê | uh-LAY |
| the wall: | שֽׁוּר׃ | šûr | shoor |
Cross Reference
उत्पत्ति 41:52
और दूसरे का नाम उसने यह कहकर एप्रैम रखा, कि मुझे दु:ख भोगने के देश में परमेश्वर ने फुलाया फलाया है।
यहेजकेल 19:11
और प्रभुता करने वालों के राजदणडों के लिये उस में मोटी मोटी टहनियां थीं; और उसकी ऊंचाई इतनी इुई कि वह बादलों के बीच तक पहुंची; और अपनी बहुत सी डालियों समेत बहुत ही लम्बी दिखाई पड़ी।
भजन संहिता 128:3
तेरे घर के भीतर तेरी स्त्री फलवन्त दाखलता सी होगी; तेरी मेज के चारों ओर तेरे बालक जलपाई के पौधे से होंगे।
भजन संहिता 128:1
क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता है, और उसके मार्गों पर चलता है!
भजन संहिता 1:1
क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है!
यहोशू 17:14
यूसुफ की सन्तान यहोशू से कहने लगी, हम तो गिनती में बहुत हैं, क्योंकि अब तक यहोवा हमें आशीष ही देता आया है, फिर तू ने हमारे भाग के लिये चिट्ठी डालकर क्यों एक ही अंश दिया है?
यहोशू 16:1
फिर यूसुफ की सन्तान का भाग चिट्ठी डालने से ठहराया गया, उनका सिवाना यरीहो के पास की यरदन नदी से, अर्थात पूर्ब की ओर यरीहो के जल से आरम्भ हो कर उस पहाड़ी देश से होते हुए, जो जंगल में हैं, बेतेल को पहुंचा;
व्यवस्थाविवरण 33:13
फिर यूसुफ के विषय में उसने कहा; इसका देश यहोवा से आशीष पाए अर्थात आकाश के अनमोल पदार्थ और ओस, और वह गहिरा जल जो नीचे है,
गिनती 32:1
रूबेनियों और गादियों के पास बहुत जानवर थे। जब उन्होंने याजेर और गिलाद देशों को देखकर विचार किया, कि वह ढ़ोरों के योग्य देश है,
उत्पत्ति 48:19
उसके पिता ने कहा, नहीं, सुन, हे मेरे पुत्र, मैं इस बात को भली भांति जानता हूं: यद्यपि इस से भी मनुष्यों की एक मण्डली उत्पन्न होगी, और यह भी महान हो जाएगा, तौभी इसका छोटा भाई इस से अधिक महान हो जाएगा, और उसके वंश से बहुत सी जातियां निकलेंगी।
उत्पत्ति 48:16
और वही दूत मुझे सारी बुराई से छुड़ाता आया है, वही अब इन लड़कों को आशीष दे; और ये मेरे और मेरे बापदादे इब्राहीम और इसहाक के कहलाएं; और पृथ्वी में बहुतायत से बढ़ें।
उत्पत्ति 48:5
और अब तेरे दोनों पुत्र, जो मिस्र में मेरे आने से पहिले उत्पन्न हुए हैं, वे मेरे ही ठहरेंगे; अर्थात जिस रीति से रूबेन और शिमोन मेरे हैं, उसी रीति से एप्रैम और मनश्शे भी मेरे ठहरेंगे।
उत्पत्ति 48:1
इन बातों के पश्चात किसी ने यूसुफ से कहा, सुन, तेरा पिता बीमार है; तब वह मनश्शे और एप्रैम नाम अपने दोनों पुत्रों को संग ले कर उसके पास चला।
उत्पत्ति 46:27
और यूसुफ के पुत्र, जो मिस्र में उससे उत्पन्न हुए, वे दो प्राणी थे: इस प्रकार याकूब के घराने के जो प्राणी मिस्र में आए सो सब मिलकर सत्तर हुए॥
उत्पत्ति 30:22
और परमेश्वर ने राहेल की भी सुधि ली, और उसकी सुनकर उसकी कोख खोली।