Genesis 1:9
फिर परमेश्वर ने कहा, आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे; और वैसा ही हो गया।
Genesis 1:9 in Other Translations
King James Version (KJV)
And God said, Let the waters under the heaven be gathered together unto one place, and let the dry land appear: and it was so.
American Standard Version (ASV)
And God said, Let the waters under the heavens be gathered together unto one place, and let the dry land appear: and it was so.
Bible in Basic English (BBE)
And God said, Let the waters under the heaven come together in one place, and let the dry land be seen: and it was so.
Darby English Bible (DBY)
And God said, Let the waters under the heavens be gathered together to one place, and let the dry [land] appear. And it was so.
Webster's Bible (WBT)
And God said, Let the waters under the heaven be gathered into one place, and let the dry land appear: and it was so.
World English Bible (WEB)
God said, "Let the waters under the sky be gathered together to one place, and let the dry land appear," and it was so.
Young's Literal Translation (YLT)
And God saith, `Let the waters under the heavens be collected unto one place, and let the dry land be seen:' and it is so.
| And God | וַיֹּ֣אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
| said, | אֱלֹהִ֗ים | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
| Let the waters | יִקָּו֨וּ | yiqqāwû | yee-ka-VOO |
| under | הַמַּ֜יִם | hammayim | ha-MA-yeem |
| the heaven | מִתַּ֤חַת | mittaḥat | mee-TA-haht |
| be gathered together | הַשָּׁמַ֙יִם֙ | haššāmayim | ha-sha-MA-YEEM |
| unto | אֶל | ʾel | el |
| one | מָק֣וֹם | māqôm | ma-KOME |
| place, | אֶחָ֔ד | ʾeḥād | eh-HAHD |
| and let the dry | וְתֵרָאֶ֖ה | wĕtērāʾe | veh-tay-ra-EH |
| appear: land | הַיַּבָּשָׁ֑ה | hayyabbāšâ | ha-ya-ba-SHA |
| and it was | וַֽיְהִי | wayhî | VA-hee |
| so. | כֵֽן׃ | kēn | hane |
Cross Reference
2 पतरस 3:5
वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
यिर्मयाह 5:22
यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं थरथराते? मैं ने बालू को समुद्र का सिवाना ठहराकर युग युग का ऐसा बान्ध ठहराया कि वह उसे लांघ न सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तौभी वे प्रबल न हो सकें, था जब वे गरजें तौभी उसको न लांघ सकें।
भजन संहिता 95:5
समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और स्थल भी उसी के हाथ का रचा है॥
भजन संहिता 33:7
वह समुद्र का जल ढेर की नाईं इकट्ठा करता; वह गहिरे सागर को अपने भण्डार में रखता है॥
प्रकाशित वाक्य 10:6
और जो युगानुयुग जीवता रहेगा, और जिस ने सवर्ग को और जो कुछ उस में है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उस में है सृजा उसी की शपथ खा कर कहा, अब तो और देर न होगी।
योना 1:9
उसने उन से कहा, मैं इब्री हूं; और स्वर्ग का परमेश्वर यहोवा जिसने जल स्थल दोनों को बनाया है, उसी का भय मानता हूं।
सभोपदेशक 1:7
सब नदियां समुद्र में जा मिलती हैं, तौभी समुद्र भर नहीं जाता; जिस स्थान से नदियां निकलती हैं; उधर ही को वे फिर जाती हैं।
नीतिवचन 8:28
जब उस ने आकाशमण्डल को ऊपर से स्थिर किया, और गहिरे सागर के सोते फूटने लगे,
भजन संहिता 136:5
उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 24:1
पृथ्वी और जो कुछ उस में है यहोवा ही का है; जगत और उस में निवास करने वाले भी।
अय्यूब 38:8
फिर जब समुद्र ऐसा फूट निकला मानो वह गर्भ से फूट निकला, तब किस ने द्वार मूंदकर उसको रोक दिया;
अय्यूब 26:10
उजियाले और अन्धियारे के बीच जहां सिवाना बंधा है, वहां तक उसने जलनिधि का सिवाना ठहरा रखा है।
भजन संहिता 104:5
तू ने पृथ्वी को उसकी नीव पर स्थिर किया है, ताकि वह कभी न डगमगाए।
भजन संहिता 104:3
जो अपनी अटारियों की कड़ियां जल में धरता है, और मेघों को अपना रथ बनाता है, और पवन के पंखों पर चलता है,
अय्यूब 26:7
वह उत्तर दिशा को निराधार फैलाए रहता है, और बिना टेक पृथ्वी को लटकाए रखता है।