यहेजकेल 47:1
फिर वह मुझे भवन के द्वार पर लौटा ले गया; और भवन की डेवढ़ी के नीचे से एक सोता निकलकर पूर्व ओर बह रहा था। भवन का द्वार तो पूर्वमुखी था, और सोता भवन के पूर्व और वेदी के दक्खिन, नीचे से निकलता था।
Afterward he brought me again | וַיְשִׁבֵנִי֮ | wayšibēniy | vai-shee-vay-NEE |
unto | אֶל | ʾel | el |
door the | פֶּ֣תַח | petaḥ | PEH-tahk |
of the house; | הַבַּיִת֒ | habbayit | ha-ba-YEET |
and, behold, | וְהִנֵּה | wĕhinnē | veh-hee-NAY |
waters | מַ֣יִם | mayim | MA-yeem |
out issued | יֹצְאִ֗ים | yōṣĕʾîm | yoh-tseh-EEM |
from under | מִתַּ֨חַת | mittaḥat | mee-TA-haht |
the threshold | מִפְתַּ֤ן | miptan | meef-TAHN |
house the of | הַבַּ֙יִת֙ | habbayit | ha-BA-YEET |
eastward: | קָדִ֔ימָה | qādîmâ | ka-DEE-ma |
for | כִּֽי | kî | kee |
the forefront | פְנֵ֥י | pĕnê | feh-NAY |
house the of | הַבַּ֖יִת | habbayit | ha-BA-yeet |
stood toward the east, | קָדִ֑ים | qādîm | ka-DEEM |
waters the and | וְהַמַּ֣יִם | wĕhammayim | veh-ha-MA-yeem |
came down | יֹרְדִ֗ים | yōrĕdîm | yoh-reh-DEEM |
from under | מִתַּ֜חַת | mittaḥat | mee-TA-haht |
right the from | מִכֶּ֤תֶף | mikketep | mee-KEH-tef |
side | הַבַּ֙יִת֙ | habbayit | ha-BA-YEET |
of the house, | הַיְמָנִ֔ית | haymānît | hai-ma-NEET |
south the at | מִנֶּ֖גֶב | minnegeb | mee-NEH-ɡev |
side of the altar. | לַמִּזְבֵּֽחַ׃ | lammizbēaḥ | la-meez-BAY-ak |
Cross Reference
योएल 3:18
और उस समय पहाड़ों से नया दाखमधु टपकने लगेगा, और टीलों से दूध बहने लगेगा, और यहूदा देश के सब नाले जल से भर जाएंगे; और यहोवा के भवन में से एक सोता फूट निकलेगा, जिस से शित्तीम का नाम नाला सींचा जाएगा॥
भजन संहिता 46:4
एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
प्रकाशित वाक्य 22:1
फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।
जकर्याह 14:8
उस समय यरूशलेम से बहता हुआ जल फूट निकलेगा उसकी एक शाखा पूरब के ताल और दूसरी पच्छिम के समुद्र की ओर बहेगी, और धूप के दिनों में और जाड़े के दिनों में भी बराबर बहती रहेंगी॥
यिर्मयाह 2:13
क्योंकि मेरी प्रजा ने दो बुराइयां की हैं: उन्होंने मुझ बहते जल के सोते को त्याग दिया है, और, उन्होंने हौद बना लिए, वरन ऐसे हौद जो टूट गए हैं, और जिन में जल नहीं रह सकता।
यशायाह 55:1
अहो सब प्यासे लोगो, पानी के पास आओ; और जिनके पास रूपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! दाखमधु और दूध बिन रूपए और बिना दाम ही आकर ले लो।
जकर्याह 13:1
उसी समय दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों के लिये पाप और मलिनता धोने के निमित्त एक बहता हुआ सोता होगा॥
प्रकाशित वाक्य 22:17
और आत्मा, और दुल्हिन दोनों कहती हैं, आ; और सुनने वाला भी कहे, कि आ; और जो प्यासा हो, वह आए और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले॥
यहेजकेल 47:12
और नदी के दोनों तीरों पर भांति भांति के खाने योग्य फलदाई वृक्ष उपजेंगे, जिनके पत्ते न मुर्झाएंगे और उनका फलना भी कभी बन्द न होगा, क्योंकि नदी का जल पवित्र स्थान से निकला है। उन में महीने महीने, नये नये फल लगेंगे। उनके फल तो खाने के, ओर पत्ते औषधि के काम आएंगे।
यशायाह 30:25
और उस महासंहार के समय जब गुम्मट गिर पड़ेंगे, सब ऊंचे ऊंचे पहाड़ों और पहाडिय़ों पर नालियां और सोते पाए जाएंगे।
यहेजकेल 41:2
और द्वार की चौड़ाई दस हाथ की थी, और द्वार की दोनों अलंगें पांच पांच हाथ की थीं; और उसने मन्दिर की लम्बाई माप कर चालीस हाथ की, और उसकी चौड़ाई बीस हाथ की पाई।
यशायाह 2:3
और बहुत देशों के लोग आएंगे, और आपस में कहेंगे: आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।
यूहन्ना 7:37
फिर पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आकर पीए।
यहेजकेल 41:23
और मन्दिर और पवित्रस्थान के द्वारों के दो दो किवाड़ थे।