Exodus 35:21
और जितनों को उत्साह हुआ, और जितनों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी, वे मिलाप वाले तम्बू के काम करने और उसकी सारी सेवकाई और पवित्र वस्त्रों के बनाने के लिये यहोवा की भेंट ले आने लगे।
Exodus 35:21 in Other Translations
King James Version (KJV)
And they came, every one whose heart stirred him up, and every one whom his spirit made willing, and they brought the LORD's offering to the work of the tabernacle of the congregation, and for all his service, and for the holy garments.
American Standard Version (ASV)
And they came, every one whose heart stirred him up, and every one whom his spirit made willing, `and' brought Jehovah's offering, for the work of the tent of meeting, and for all the service thereof, and for the holy garments.
Bible in Basic English (BBE)
And everyone whose heart was moved, everyone who was guided by the impulse of his spirit, came with his offering for the Lord, for whatever was needed for the Tent of meeting and its work and for the holy robes.
Darby English Bible (DBY)
And they came, every one whose heart moved him, and every one whose spirit prompted him; they brought Jehovah's heave-offering for the work of the tent of meeting, and for all its service, and for the holy garments.
Webster's Bible (WBT)
And they came, every one whose heart excited him, and every one whom his spirit made willing, and they brought the LORD'S offering to the work of the tabernacle of the congregation, and for all his service, and for the holy garments.
World English Bible (WEB)
They came, everyone whose heart stirred him up, and everyone whom his spirit made willing, and brought Yahweh's offering, for the work of the tent of meeting, and for all of its service, and for the holy garments.
Young's Literal Translation (YLT)
and they come in -- every man whom his heart hath lifted up, and every one whom his spirit hath made willing -- they have brought in the heave-offering of Jehovah for the work of the tent of meeting, and for all its service, and for the holy garments.
| And they came, | וַיָּבֹ֕אוּ | wayyābōʾû | va-ya-VOH-oo |
| every | כָּל | kāl | kahl |
| one | אִ֖ישׁ | ʾîš | eesh |
| whose | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
| heart | נְשָׂא֣וֹ | nĕśāʾô | neh-sa-OH |
| stirred him up, | לִבּ֑וֹ | libbô | LEE-boh |
| one every and | וְכֹ֡ל | wĕkōl | veh-HOLE |
| whom | אֲשֶׁר֩ | ʾăšer | uh-SHER |
| נָֽדְבָ֨ה | nādĕbâ | na-deh-VA | |
| his spirit | רוּח֜וֹ | rûḥô | roo-HOH |
| willing, made | אֹת֗וֹ | ʾōtô | oh-TOH |
| and they brought | הֵ֠בִיאוּ | hēbîʾû | HAY-vee-oo |
| אֶת | ʾet | et | |
| the Lord's | תְּרוּמַ֨ת | tĕrûmat | teh-roo-MAHT |
| offering | יְהוָ֜ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| work the to | לִמְלֶ֨אכֶת | limleʾket | leem-LEH-het |
| of the tabernacle | אֹ֤הֶל | ʾōhel | OH-hel |
| congregation, the of | מוֹעֵד֙ | môʿēd | moh-ADE |
| and for all | וּלְכָל | ûlĕkāl | oo-leh-HAHL |
| service, his | עֲבֹ֣דָת֔וֹ | ʿăbōdātô | uh-VOH-da-TOH |
| and for the holy | וּלְבִגְדֵ֖י | ûlĕbigdê | oo-leh-veeɡ-DAY |
| garments. | הַקֹּֽדֶשׁ׃ | haqqōdeš | ha-KOH-desh |
Cross Reference
निर्गमन 25:2
इस्त्राएलियों से यह कहना, कि मेरे लिये भेंट लाएं; जितने अपनी इच्छा से देना चाहें उन्हीं सभों से मेरी भेंट लेना।
निर्गमन 36:2
तब मूसा ने बसलेल और ओहोलीआब और सब बुद्धिमानों को जिनके हृदय में यहोवा ने बुद्धि का प्रकाश दिया था, अर्थात जिस जिस को पास आकर काम करने का उत्साह हुआ था उन सभों को बुलवाया।
निर्गमन 35:29
जिस जिस वस्तु के बनाने की आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके लिये जो कुछ आवश्यक था, उसे वे सब पुरूष और स्त्रियां ले आई, जिनके हृदय में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी। इस प्रकार इस्त्राएली यहोवा के लिये अपनी ही इच्छा से भेंट ले आए॥
निर्गमन 35:26
और जितनी स्त्रियों के मन में ऐसी बुद्धि का प्रकाश था उन्हो ने बकरी के बाल भी काते।
निर्गमन 35:22
क्या स्त्री, क्या पुरूष, जितनों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई भी वे सब जुगनू, नथुनी, मुंदरी, और कंगन आदि सोने के गहने ले आने लगे, इस भांति जितने मनुष्य यहोवा के लिये सोने की भेंट के देने वाले थे वे सब उन को ले आए।
निर्गमन 35:5
तुम्हारे पास से यहोवा के लिये भेंट ली जाए, अर्थात जितने अपनी इच्छा से देना चाहें वे यहोवा की भेंट करके ये वस्तुएं ले आएं; अर्थात सोना, रूपा, पीतल;
नीतिवचन 4:23
सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।
यिर्मयाह 30:21
उनका महापुरुष उन्हीं में से होगा, और जो उन पर प्रभुता करेगा, वह उन्हीं में से उत्पन्न होगा; मैं उसे अपने निकट बुलाऊंगा, और वह मेरे समीप आ भी जाएगा, क्योंकि कौन है जो अपने आप मेरे समीप आ सकता है? यहोवा की यही वाणी है।
मत्ती 12:34
हे सांप के बच्चों, तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है।
2 कुरिन्थियों 8:12
क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।
2 कुरिन्थियों 9:7
हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है।
भजन संहिता 110:3
तेरी प्रजा के लोग तेरे पराक्रम के दिन स्वेच्छाबलि बनते हैं; तेरे जवान लोग पवित्रता से शोभायमान, और भोर के गर्भ से जन्मी हुई ओस के समान तेरे पास हैं।
एज्रा 7:27
धन्य है हमारे पितरों का परमेश्वर यहोवा, जिसने ऐसी मनसा राजा के मन में उत्पन्न की है, कि यहोवा के यरूशलेम के भवन को संवारे,
एज्रा 1:5
तब यहूदा और बिन्यामीन के जितने पितरों के घरानों के मुख्य पुरूषों और याजकों और लेवियों का मन परमेश्वर ने उभारा था कि जा कर यरूशलेम में यहोवा के भवन को बनाएं, वे सब उठ खड़े हुए;
न्यायियों 5:9
मेरा मन इस्राएल के हाकिमों की ओर लगा है, जो प्रजा के बीच में अपनी ही इच्छा से भरती हुए। यहोवा को धन्य कहो॥
न्यायियों 5:12
जाग, जाग, हे दबोरा! जाग, जाग, गीत सुना! हे बाराक, उठ, हे अबीनोअम के पुत्र, अपने बन्धुओं को बन्धुआई में ले चल।
2 शमूएल 7:27
क्योंकि, हे सेनाओं के यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर, तू ने यह कहकर अपने दास पर प्रगट किया है, कि मैं तेरा घर बनाए रखूंगा; इस कारण तेरे दास को तुझ से यह प्रार्थना करने का हियाव हुआ है।
1 इतिहास 28:2
तब दाऊद राजा खड़ा हो कर कहने लगा, हे मेरे भाइयों! और हे मेरी प्रजा के लोगो! मेरी सुनो, मेरी मनसा तो थी कि यहोवा की वाचा के सन्दूक के लिये और हम लोगों के परमेश्वर के चरणों की पीढ़ी के लिये विश्राम का एक भवन बनाऊं, और मैं ने उसके बनाने की तैयारी की थी।
1 इतिहास 28:9
और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा।
1 इतिहास 29:3
फिर मेरा मन अपने परमेश्वर के भवन में लगा है, इस कारण जो कुछ मैं ने पवित्र भवन के लिये इकट्ठा किया है, उस सब से अधिक मैं अपना निज धन भी जो सोना चान्दी के रूप में मेरे पास है, अपने परमेश्वर के भवन के लिये दे देता हूँ।
1 इतिहास 29:5
और सोने की वस्तुओं के लिये सोना, और चान्दी की वस्तुओं के लिये चान्दी, और कारीगरों से बनाने वाले सब प्रकार के काम के लिये मैं उसे देता हूँ। और कौन अपनी इच्छा से यहोवा के लिये अपने को अर्पण कर देता है?
1 इतिहास 29:9
तब प्रजा के लोग आनन्दित हुए, क्योंकि हाकिमों ने प्रसन्न हो कर खरे मन और अपनी अपनी इच्छा से यहोवा के लिये भेंट दी थी; और दाऊद राजा बहुत ही आनन्दित हुआ।
1 इतिहास 29:14
मैं क्या हूँ? और मेरी प्रजा क्या है? कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।
1 इतिहास 29:17
और हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूँ कि तू मन को जांचता है और सिधाई से प्रसन्न रहता है; मैं ने तो यह सब कुछ मन की सिधाई और अपनी इच्छा से दिया है; और अब मैं ने आनन्द से देखा है, कि तेरी प्रजा के लोग जो यहां उपस्थित हैं, वह अपनी इच्छा से तेरे लिये भेंट देते हैं।
न्यायियों 5:3
हे राजाओ, सुनो; हे अधिपतियों कान लगाओ, मैं आप यहोवा के लिये गीत गाऊंगी; इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का मैं भजन करूंगी॥