Exodus 29:38
जो तुझे वेदी पर नित्य चढ़ाना होगा वह यह है; अर्थात प्रतिदिन एक एक वर्ष के दो भेड़ी के बच्चे।
Exodus 29:38 in Other Translations
King James Version (KJV)
Now this is that which thou shalt offer upon the altar; two lambs of the first year day by day continually.
American Standard Version (ASV)
Now this is that which thou shalt offer upon the altar: two lambs a year old day by day continually.
Bible in Basic English (BBE)
Now this is the offering which you are to make on the altar: two lambs in their first year, every day regularly.
Darby English Bible (DBY)
And this is what thou shalt offer upon the altar -- two lambs of the first year, day by day continually.
Webster's Bible (WBT)
Now this is that which thou shalt offer upon the altar; two lambs of the first year, day by day continually.
World English Bible (WEB)
"Now this is that which you shall offer on the altar: two lambs a year old day by day continually.
Young's Literal Translation (YLT)
`And this `is' that which thou dost prepare on the altar; two lambs, sons of a year, daily continually;
| Now this | וְזֶ֕ה | wĕze | veh-ZEH |
| is that which | אֲשֶׁ֥ר | ʾăšer | uh-SHER |
| offer shalt thou | תַּֽעֲשֶׂ֖ה | taʿăśe | ta-uh-SEH |
| upon | עַל | ʿal | al |
| altar; the | הַמִּזְבֵּ֑חַ | hammizbēaḥ | ha-meez-BAY-ak |
| two | כְּבָשִׂ֧ים | kĕbāśîm | keh-va-SEEM |
| lambs | בְּנֵֽי | bĕnê | beh-NAY |
| first the of | שָׁנָ֛ה | šānâ | sha-NA |
| year | שְׁנַ֥יִם | šĕnayim | sheh-NA-yeem |
| day by day | לַיּ֖וֹם | layyôm | LA-yome |
| continually. | תָּמִֽיד׃ | tāmîd | ta-MEED |
Cross Reference
दानिय्येल 12:11
और जब से नित्य होमबलि उठाई जाएगी, और वह घिनौनी वस्तु जो उजाड़ करा देती है, स्थापित की जाएगी, तब से बारह सौ नब्बे दिन बीतेंगे।
1 इतिहास 16:40
कि वे नित्य सवेरे और सांझ को होमबलि की वेदी पर यहोवा को होमबलि चढ़ाया करें, और उन सब के अनुसार किया करें, जो यहोवा की व्यवस्था में लिखा है, जिसे उसने इस्राएल को दिया था।
गिनती 28:3
और तू उन से कह, कि जो जो तुम्हें यहोवा के लिये चढ़ाना होगा वे ये हैं; अर्थात नित्य होमबलि के लिये एक एक वर्ष के दो निर्दोष भेड़ी के बच्चे प्रतिदिन चढ़ाया करे।
दानिय्येल 9:27
और वह प्रधान एक सप्ताह के लिये बहुतों के संग दृढ़ वाचा बान्धेगा, परन्तु आधे सप्ताह के बीतने पर वह मेलबलि और अन्नबलि को बन्द करेगा; और कंगूरे पर उजाड़ने वाली घृणित वस्तुएं दिखाई देंगी और निश्चय से ठनी हुई बात के समाप्त होने तक परमेश्वर का क्रोध उजाड़ने वाले पर पड़ा रहेगा॥
एज्रा 3:3
तब उन्होंने वेदी को उसके स्थान पर खड़ा किया क्योंकि उन्हें उस ओर के देशों के लोगों का भय रहा, और वे उस पर यहोवा के लिये होमबलि अर्थात प्रतिदिन सबेरे और सांझ के होमबलि चढ़ाने लगे।
2 इतिहास 31:3
फिर उसने अपनी सम्पत्ति में से राजभाषा को होमबलियों के लिये ठहरा दिया; अर्थात सवेरे और सांझ की होमबलि और विश्राम और नये चांद के दिनों और नियत समयों की होमबलि के लिये जैसा कि यहोवा की व्यवस्था में लिखा है।
2 इतिहास 13:11
और वे नित्य सवेरे और सांझ को यहोवा के लिये होमबलि और सुगन्धद्रव्य का धूप जलाते हैं, और शूद्ध मेज पर भेंट की रोटी सजाते और सोने की दीवट और उसके दीपक सांझ-सांझ को जलाते हैं; हम तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानते रहते हैं, परन्तु तुम ने उसको त्याग दिया है।
2 इतिहास 2:4
देख, मैं अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाने पर हूँ, कि उसे उसके लिये पवित्र करूं और उसके सम्मुख सुगन्धित धूप जलाऊं, और नित्य भेंट की रोटी उस में रखी जाए; और प्रतिदिन सबेरे और सांझ को, और विश्राम और नये चांद के दिनों में और हमारे परमेश्वर यहोवा के सब नियत पर्ब्बों में होमबलि चढ़ाया जाए। इस्राएल के लिये ऐसी ही सदा की विधि है।
प्रकाशित वाक्य 5:9
और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तू ने वध हो कर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है।
1 पतरस 1:19
पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ।
इब्रानियों 7:27
और उन महायाजकों की नाईं उसे आवश्यक नहीं कि प्रति दिन पहिले अपने पापों और फिर लोगों के पापों के लिये बलिदान चढ़ाए; क्योंकि उस ने अपने आप को बलिदान चढ़ाकर उसे एक ही बार निपटा दिया।
यूहन्ना 1:29
दूसरे दिन उस ने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है।
दानिय्येल 9:21
तब वह पुरूष जिब्राएल जिस मैं ने उस समय देखा जब मुझे पहिले दर्शन हुआ था, उसने वेग से उड़ने की आज्ञा पाकर, सांझ के अन्नबलि के समय मुझ को छू लिया; और मुझे समझाकर मेरे साथ बातें करने लगा।