Exodus 10:21
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा कि मिस्र देश के ऊपर अन्धकार छा जाए, ऐसा अन्धकार कि टटोला जा सके।
Exodus 10:21 in Other Translations
King James Version (KJV)
And the LORD said unto Moses, Stretch out thine hand toward heaven, that there may be darkness over the land of Egypt, even darkness which may be felt.
American Standard Version (ASV)
And Jehovah said unto Moses, Stretch out thy hand toward heaven, that there may be darkness over the land of Egypt, even darkness which may be felt.
Bible in Basic English (BBE)
And the Lord said to Moses, Let your hand be stretched out to heaven, and all the land of Egypt will be dark, so that men will be feeling their way about in the dark.
Darby English Bible (DBY)
And Jehovah said to Moses, Stretch out thy hand toward the heavens, that there may be darkness in the land of Egypt -- so that one may feel darkness.
Webster's Bible (WBT)
And the LORD said to Moses, Stretch out thy hand towards heaven, that there may be darkness over the land of Egypt, even darkness which may be felt.
World English Bible (WEB)
Yahweh said to Moses, "Stretch out your hand toward the sky, that there may be darkness over the land of Egypt, even darkness which may be felt."
Young's Literal Translation (YLT)
And Jehovah saith unto Moses, `Stretch out thy hand towards the heavens, and there is darkness over the land of Egypt, and the darkness is felt.'
| And the Lord | וַיֹּ֨אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
| said | יְהוָ֜ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| unto | אֶל | ʾel | el |
| Moses, | מֹשֶׁ֗ה | mōše | moh-SHEH |
| out Stretch | נְטֵ֤ה | nĕṭē | neh-TAY |
| thine hand | יָֽדְךָ֙ | yādĕkā | ya-deh-HA |
| toward | עַל | ʿal | al |
| heaven, | הַשָּׁמַ֔יִם | haššāmayim | ha-sha-MA-yeem |
| be may there that | וִ֥יהִי | wîhî | VEE-hee |
| darkness | חֹ֖שֶׁךְ | ḥōšek | HOH-shek |
| over | עַל | ʿal | al |
| the land | אֶ֣רֶץ | ʾereṣ | EH-rets |
| Egypt, of | מִצְרָ֑יִם | miṣrāyim | meets-RA-yeem |
| even darkness | וְיָמֵ֖שׁ | wĕyāmēš | veh-ya-MAYSH |
| which may be felt. | חֹֽשֶׁךְ׃ | ḥōšek | HOH-shek |
Cross Reference
भजन संहिता 105:28
उसने अन्धकार कर दिया, और अन्धियारा हो गया; और उन्होंने उसकी बातों को न टाला।
निर्गमन 9:22
तक यहोवा ने मूसा से कहा, अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ा, कि सारे मिस्र देश के मनुष्यों पशुओं और खेतों की सारी उपज पर ओले गिरें।
प्रकाशित वाक्य 16:10
और पांचवें ने अपना कटोरा उस पशु के सिंहासन पर उंडेल दिया और उसके राज्य पर अंधेरा छा गया; और लोग पीड़ा के मारे अपनी अपनी जीभ चबाने लगे।
यहूदा 1:13
ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्ज़ा का फेन उछालते हैं: ये डांवाडोल तारे हैं, जिन के लिये सदा काल तक घोर अन्धकार रखा गया है।
यहूदा 1:6
फिर जो र्स्वगदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन अपने निज निवास को छोड़ दिया, उस ने उन को भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अन्धकार में जो सदा काल के लिये है बन्धनों में रखा है।
2 पतरस 2:17
ये लोग अन्धे कुंए, और आन्धी के उड़ाए हुए बादल हैं, उन के लिये अनन्त अन्धकार ठहराया गया है।
2 पतरस 2:4
क्योंकि जब परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्हों ने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेज कर अन्धेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें।
लूका 23:44
और लगभग दो पहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अन्धियारा छाया रहा।
मरकुस 15:33
और दोपहर होने पर, सारे देश में अन्धियारा छा गया; और तीसरे पहर तक रहा।
मत्ती 27:45
दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अन्धेरा छाया रहा।
यशायाह 8:21
वे इस देश में क्लेशित और भूखे फिरते रहेंगे; और जब वे भूखे होंगे, तब वे क्रोध में आकर अपने राजा और अपने परमेश्वर को शाप देंगे, और अपना मुख ऊपर आकाश की ओर उठाएंगे;
सभोपदेशक 6:4
क्योंकि वह व्यर्थ ही आया और अन्धेरे में चला गया, ओर उसका नाम भी अन्धेरे में छिप गया;
सभोपदेशक 2:14
जो बुद्धिमान है, उसके सिर में आंखें रहती हैं, परन्तु मूर्ख अंधियारे में चलता है; तौभी मैं ने जान लिया कि दोनों की दशा एक सी होती है।
नीतिवचन 4:19
दुष्टों का मार्ग घोर अन्धकारमय है; वे नहीं जानते कि वे किस से ठोकर खाते हैं॥
भजन संहिता 78:49
उसने उनके ऊपर अपना प्रचणड क्रोध और रोष भड़काया, और उन्हे संकट में डाला, और दुखदाई दूतों का दल भेजा।
भजन संहिता 35:6
उनका मार्ग अन्धियारा और फिसलन भरा हो, और यहोवा का दूत उन को खदेड़ता जाए॥
व्यवस्थाविवरण 28:29
और जैसे अन्धा अन्धियारे में टटोलता है वैसे ही तू दिन दुपहरी में टटोलता फिरेगा, और तेरे काम काज सफल न होंगे; और तू सदैव केवल अन्धेर सहता और लुटता ही रहेगा, और तेरा कोई छुड़ाने वाला न होगा।