सभोपदेशक 9:12
क्योंकि मनुष्य अपना समय नहीं जानता। जैसे मछलियां दुखदाई जाल में बझतीं और चिडिय़े फन्दे में फंसती हैं, वैसे ही मनुष्य दुखदाई समय में जो उन पर अचानक आ पड़ता है, फंस जाते हैं॥
For | כִּ֡י | kî | kee |
man | גַּם֩ | gam | ɡahm |
also | לֹֽא | lōʾ | loh |
knoweth | יֵדַ֨ע | yēdaʿ | yay-DA |
not | הָאָדָ֜ם | hāʾādām | ha-ah-DAHM |
אֶת | ʾet | et | |
time: his | עִתּ֗וֹ | ʿittô | EE-toh |
as the fishes | כַּדָּגִים֙ | kaddāgîm | ka-da-ɡEEM |
taken are that | שֶׁנֶּֽאֱחָזִים֙ | šenneʾĕḥāzîm | sheh-neh-ay-ha-ZEEM |
in an evil | בִּמְצוֹדָ֣ה | bimṣôdâ | beem-tsoh-DA |
net, | רָעָ֔ה | rāʿâ | ra-AH |
birds the as and | וְכַ֨צִּפֳּרִ֔ים | wĕkaṣṣippŏrîm | veh-HA-tsee-poh-REEM |
caught are that | הָאֲחֻז֖וֹת | hāʾăḥuzôt | ha-uh-hoo-ZOTE |
in the snare; | בַּפָּ֑ח | bappāḥ | ba-PAHK |
so | כָּהֵ֗ם | kāhēm | ka-HAME |
sons the are | יֽוּקָשִׁים֙ | yûqāšîm | yoo-ka-SHEEM |
of men | בְּנֵ֣י | bĕnê | beh-NAY |
snared | הָֽאָדָ֔ם | hāʾādām | ha-ah-DAHM |
in an evil | לְעֵ֣ת | lĕʿēt | leh-ATE |
time, | רָעָ֔ה | rāʿâ | ra-AH |
falleth it when | כְּשֶׁתִּפּ֥וֹל | kĕšettippôl | keh-sheh-TEE-pole |
suddenly | עֲלֵיהֶ֖ם | ʿălêhem | uh-lay-HEM |
upon | פִּתְאֹֽם׃ | pitʾōm | peet-OME |