Ecclesiastes 7:12
क्योंकि बुद्धि की आड़ रूपये की आड़ का काम देता है; परन्तु ज्ञान की श्रेष्टता यह है कि बुद्धि से उसके रखने वालों के प्राण की रक्षा होती है।
Ecclesiastes 7:12 in Other Translations
King James Version (KJV)
For wisdom is a defence, and money is a defence: but the excellency of knowledge is, that wisdom giveth life to them that have it.
American Standard Version (ASV)
For wisdom is a defence, even as money is a defence; but the excellency of knowledge is, that wisdom preserveth the life of him that hath it.
Bible in Basic English (BBE)
Wisdom keeps a man from danger even as money does; but the value of knowledge is that wisdom gives life to its owner.
Darby English Bible (DBY)
For wisdom is a defence [as] money is a defence; but the excellency of knowledge is, [that] wisdom maketh them that possess it to live.
World English Bible (WEB)
For wisdom is a defense, even as money is a defense; but the excellency of knowledge is that wisdom preserves the life of him who has it.
Young's Literal Translation (YLT)
For wisdom `is' a defense, money `is' a defence, And the advantage of the knowledge of wisdom `is', She reviveth her possessors.
| For | כִּ֛י | kî | kee |
| wisdom | בְּצֵ֥ל | bĕṣēl | beh-TSALE |
| is a defence, | הַֽחָכְמָ֖ה | haḥokmâ | ha-hoke-MA |
| money and | בְּצֵ֣ל | bĕṣēl | beh-TSALE |
| is a defence: | הַכָּ֑סֶף | hakkāsep | ha-KA-sef |
| excellency the but | וְיִתְר֣וֹן | wĕyitrôn | veh-yeet-RONE |
| of knowledge | דַּ֔עַת | daʿat | DA-at |
| is, that wisdom | הַֽחָכְמָ֖ה | haḥokmâ | ha-hoke-MA |
| life giveth | תְּחַיֶּ֥ה | tĕḥayye | teh-ha-YEH |
| to them that have | בְעָלֶֽיהָ׃ | bĕʿālêhā | veh-ah-LAY-ha |
Cross Reference
नीतिवचन 3:18
जो बुद्धि को ग्रहण कर लेते हैं, उनके लिये वह जीवन का वृक्ष बनती है; और जो उस को पकड़े रहते हैं, वह धन्य हैं॥
नीतिवचन 8:35
क्योंकि जो मुझे पाता है, वह जीवन को पाता है, और यहोवा उस से प्रसन्न होता है।
नीतिवचन 18:10
यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है।
यशायाह 30:2
वे मुझ से बिन पूछे मिस्र को जाते हैं कि फिरौन की रक्षा में रहे और मिस्र की छाया में शरण लें।
यशायाह 32:2
हर एक मानो आंधी से छिपने का स्थान, और बौछार से आड़ होगा; या निर्जल देश में जल के झरने, व तप्त भूमि में बड़ी चट्टान की छाया।
यशायाह 33:6
और उद्धार, बुद्धि और ज्ञान की बहुतायत तेरे दिनों का आधार होगी; यहोवा का भय उसका धन होगा॥
यूहन्ना 12:50
और मैं जानता हूं, कि उस की आज्ञा अनन्त जीवन है इसलिये मैं जो बोलता हूं, वह जैसा पिता ने मुझ से कहा है वैसा ही बोलता हूं॥
यूहन्ना 17:3
और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ अद्वैत सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तू ने भेजा है, जाने।
फिलिप्पियों 3:8
वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं।
नीतिवचन 14:20
निर्धन का पड़ोसी भी उस से घृणा करता है, परन्तु धनी के बहुतेरे प्रेमी होते हैं।
नीतिवचन 11:4
कोप के दिन धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, परन्तु धर्म मृत्यु से भी बचाता है।
व्यवस्थाविवरण 32:47
क्योंकि यह तुम्हारे लिये व्यर्थ काम नहीं, परन्तु तुम्हारा जीवन ही है, और ऐसा करने से उस देश में तुम्हारी आयु के दिन बहुत होंगे, जिसके अधिकारी होने को तुम यरदन पार जा रहे हो॥
न्यायियों 9:15
झड़बेरी ने उन वृक्षों से कहा, यदि तुम अपने ऊपर राजा होने को मेरा अभिषेक सच्चाई से करते हो, तो आकर मेरी छांह में शरण लो; और नहीं तो, झड़बेरी से आग निकलेगी जिस से लबानोन के देवदारू भी भस्म हो जाएंगे।
अय्यूब 1:10
क्या तू ने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बान्धा? तू ने तो उसके काम पर आशीष दी है,
अय्यूब 22:21
उस से मेलमिलाप कर तब तुझे शान्ति मिलेगी; और इस से तेरी भलाई होगी।
भजन संहिता 57:1
हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा।
नीतिवचन 2:7
वह सीधे लोगों के लिये खरी बुद्धि रख छोड़ता है; जो खराई से चलते हैं, उनके लिये वह ढाल ठहरता है।
नीतिवचन 2:11
विवेक तुझे सुरक्षित रखेगा; और समझ तेरी रक्षक होगी;
नीतिवचन 9:11
मेरे द्वारा तो तेरी आयु बढ़ेगी, और तेरे जीवन के वर्ष अधिक होंगे।
व्यवस्थाविवरण 30:19
मैं आज आकाश और पृथ्वी दोनों को तुम्हारे साम्हने इस बात की साक्षी बनाता हूं, कि मैं ने जीवन और मरण, आशीष और शाप को तुम्हारे आगे रखा है; इसलिये तू जीवन ही को अपना ले, कि तू और तेरा वंश दोनों जीवित रहें;