Ecclesiastes 6:2
किसी मनुष्य को परमेश्वर धन सम्पत्ति और प्रतिष्ठा यहां तक देता है कि जो कुछ उसका मन चाहता है उसे उसकी कुछ भी घटी नहीं होती, तौभी परमेश्वर उसको उस में से खाने नहीं देता, कोई दूसरा की उसे खाता है; यह व्यर्थ और भयानक दु:ख है।
Ecclesiastes 6:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
A man to whom God hath given riches, wealth, and honour, so that he wanteth nothing for his soul of all that he desireth, yet God giveth him not power to eat thereof, but a stranger eateth it: this is vanity, and it is an evil disease.
American Standard Version (ASV)
a man to whom God giveth riches, wealth, and honor, so that he lacketh nothing for his soul of all that he desireth, yet God giveth him not power to eat thereof, but an alien eateth it; this is vanity, and it is an evil disease.
Bible in Basic English (BBE)
A man to whom God gives money, wealth, and honour so that he has all his desires but God does not give him the power to have joy of it, and a strange man takes it. This is to no purpose and an evil disease.
Darby English Bible (DBY)
one to whom God giveth riches, wealth, and honour, and he wanteth nothing for his soul of all that he desireth, yet God giveth him not power to eat thereof, but a stranger eateth it: this is vanity, and a sore evil.
World English Bible (WEB)
a man to whom God gives riches, wealth, and honor, so that he lacks nothing for his soul of all that he desires, yet God gives him no power to eat of it, but an alien eats it. This is vanity, and it is an evil disease.
Young's Literal Translation (YLT)
A man to whom God giveth wealth, and riches, and honour, and there is no lack to his soul of all that he desireth, and God giveth him not power to eat of it, but a stranger eateth it; this `is' vanity, and it `is' an evil disease.
| A man | אִ֣ישׁ | ʾîš | eesh |
| to whom | אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER |
| God | יִתֶּן | yitten | yee-TEN |
| given hath | ל֣וֹ | lô | loh |
| riches, | הָאֱלֹהִ֡ים | hāʾĕlōhîm | ha-ay-loh-HEEM |
| wealth, | עֹשֶׁר֩ | ʿōšer | oh-SHER |
| and honour, | וּנְכָסִ֨ים | ûnĕkāsîm | oo-neh-ha-SEEM |
| wanteth he that so | וְכָב֜וֹד | wĕkābôd | veh-ha-VODE |
| nothing | וְֽאֵינֶ֨נּוּ | wĕʾênennû | veh-ay-NEH-noo |
| for his soul | חָסֵ֥ר | ḥāsēr | ha-SARE |
| all of | לְנַפְשׁ֣וֹ׀ | lĕnapšô | leh-nahf-SHOH |
| that | מִכֹּ֣ל | mikkōl | mee-KOLE |
| he desireth, | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
| God yet | יִתְאַוֶּ֗ה | yitʾawwe | yeet-ah-WEH |
| giveth him not power | וְלֹֽא | wĕlōʾ | veh-LOH |
| יַשְׁלִיטֶ֤נּוּ | yašlîṭennû | yahsh-lee-TEH-noo | |
| eat to | הָֽאֱלֹהִים֙ | hāʾĕlōhîm | ha-ay-loh-HEEM |
| thereof, | לֶאֱכֹ֣ל | leʾĕkōl | leh-ay-HOLE |
| but | מִמֶּ֔נּוּ | mimmennû | mee-MEH-noo |
| a stranger | כִּ֛י | kî | kee |
| אִ֥ישׁ | ʾîš | eesh | |
| eateth | נָכְרִ֖י | nokrî | noke-REE |
| it: this | יֹֽאכֲלֶ֑נּוּ | yōʾkălennû | yoh-huh-LEH-noo |
| is vanity, | זֶ֥ה | ze | zeh |
| it and | הֶ֛בֶל | hebel | HEH-vel |
| is an evil | וָחֳלִ֥י | wāḥŏlî | va-hoh-LEE |
| disease. | רָ֖ע | rāʿ | ra |
| הֽוּא׃ | hûʾ | hoo |
Cross Reference
सभोपदेशक 5:19
वरन हर एक मनुष्य जिसे परमेश्वर ने धन सम्पत्ति दी हो, और उन से आनन्द भोगने और उस में से अपना भाग लेने और परिश्रम करते हुए आनन्द करने को शक्ति भी दी हो- यह परमेश्वर का वरदान है।
भजन संहिता 17:14
अपना हाथ बढ़ाकर हे यहोवा, मुझे मनुष्यों से बचा, अर्थात संसारी मनुष्यों से जिनका भाग इसी जीवन में है, और जिनका पेट तू अपने भण्डार से भरता है। वे बाल-बच्चों से सन्तुष्ट हैं; और शेष सम्पति अपने बच्चों के लिये छोड़ जाते हैं॥
भजन संहिता 73:7
उनकी आंखें चर्बी से झलकती हैं, उनके मन की भवनाएं उमण्डती हैं।
1 राजा 3:13
फिर जो तू ने नहीं मांगा, अर्थात धन और महिमा, वह भी मैं तुझे यहां तक देता हूँ, कि तेरे जीवन भर कोई राजा तेरे तुल्य न होगा।
अय्यूब 21:9
उनके घर में भयरहित कुशल रहता है, और ईश्वर की छड़ी उन पर नहीं पड़ती।
लूका 12:19
और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह।
होशे 7:9
परदेशियों ने उसका बल तोड़ डाला, परन्तु वह इसे नहीं जानता; उसके सिर में कहीं कहीं पके बाल हैं, परन्तु वह इसे भी नहीं जानता।
दानिय्येल 5:18
हे राजा, परमप्रधान परमेश्वर ने तेरे पिता नबूकदनेस्सर को राज्य, बड़ाई, प्रतिष्ठा और प्रताप दिया था;
विलापगीत 5:2
हमारा भाग परदेशियों का हो गया ओर हमारे घर परायों के हो गए हैं।
सभोपदेशक 5:16
यह भी एक बड़ी बला है कि जैसा वह आया, ठीक वैसा ही वह जाएगा; उसे उस व्यर्थ परिश्रम से और क्या लाभ है?
सभोपदेशक 4:8
कोई अकेला रहता और उसका कोई नहीं है; न उसके बेटा है, न भाई है, तौभी उसके परिश्रम का अन्त नहीं होता; न उसकी आंखें धन से सन्तुष्ट होती हैं, और न वह कहता है, मैं किस के लिये परिश्रम करता और अपने जीवन को सुखरहित रखता हूं? यह भी व्यर्थ और निरा दु:खभरा काम है।
सभोपदेशक 4:4
तब में ने सब परिश्रम के काम और सब सफल कामों को देखा जो लोग अपने पड़ोसी से जलन के कारण करते हैं। यह भी व्यर्थ और मन का कुढ़ना है॥
व्यवस्थाविवरण 28:33
तेरी भूमि की उपज और तेरी सारी कमाई एक अनजाने देश के लोगे खा जाएंगे; और सर्वदा तू केवल अन्धेर सहता और पीसा जाता रहेगा;
व्यवस्थाविवरण 28:43
जो परदेशी तेरे मध्य में रहेगा वह तुझ से बढ़ता जाएगा; और तू आप घटता चला जाएगा।
न्यायियों 18:10
वहां पहुंचकर तुम निडर रहते हुए लोगों को, और लम्बा चौड़ा देश पाओगे; और परमेश्वर ने उसे तुम्हारे हाथ में दे दिया है। वह ऐसा स्थान है जिस में पृथ्वी भर के किसी पदार्थ की घटी नहीं है॥
1 इतिहास 29:25
और यहोवा ने सुलैमान को सब इस्राएल के देखते बहुत बढ़ाया, और उसे ऐसा राजकीय ऐश्वर्य दिया, जैसा उस से पहिले इस्राएल के किसी राजा का न हुआ था।
1 इतिहास 29:28
और वह पूरे बूढ़ापे की अवस्था में दीर्घायु हो कर और धन और वैभव, मनमाना भोग कर मर गया; और उसका पुत्र सुलैमान उसके स्थान पर राजा हुआ।
2 इतिहास 1:11
परमेश्वर ने सुलैमान से कहा, तेरी जो ऐसी ही मनसा हुई, अर्थात तू ने न तो धन सम्पत्ति मांगी है, न ऐश्वर्य और न अपने बैरियों का प्राण और न अपनी दीर्घायु मांगी, केवल बुद्धि और ज्ञान का वर मांगा है, जिस से तू मेरी प्रजा का जिसके ऊपर मैं ने तुझे राजा नियुक्त किया है, न्याय कर सके,
भजन संहिता 39:6
सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा!
सभोपदेशक 2:4
मैं ने बड़े बड़े काम किए; मैं ने अपने लिये घर बनवा लिए और अपने लिये दाख की बारियां लगवाईं;
व्यवस्थाविवरण 8:7
क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे एक उत्तम देश में लिये जा रहा है, जो जल की नदियों का, और तराइयों और पहाड़ों से निकले हुए गहिरे गहिरे सोतों का देश है।