Ecclesiastes 3:22
सो मैं ने यह देखा कि इस से अधिक कुछ अच्छा नहीं कि मनुष्य अपने कामों में आनन्दित रहे, क्योंकि उसका भाग्य यही है; कौन उसके पीछे होने वाली बातों को देखने के लिये उसको लौटा लाएगा?
Ecclesiastes 3:22 in Other Translations
King James Version (KJV)
Wherefore I perceive that there is nothing better, than that a man should rejoice in his own works; for that is his portion: for who shall bring him to see what shall be after him?
American Standard Version (ASV)
Wherefore I saw that there is nothing better, than that a man should rejoice in his works; for that is his portion: for who shall bring him `back' to see what shall be after him?
Bible in Basic English (BBE)
So I saw that there is nothing better than for a man to have joy in his work--because that is his reward. Who will make him see what will come after him?
Darby English Bible (DBY)
And I have seen that there is nothing better than that man should rejoice in his own works; for that is his portion; for who shall bring him to see what shall be after him?
World English Bible (WEB)
Therefore I saw that there is nothing better, than that a man should rejoice in his works; for that is his portion: for who can bring him to see what will be after him?
Young's Literal Translation (YLT)
And I have seen that there is nothing better than that man rejoice in his works, for it `is' his portion; for who doth bring him in to look on that which is after him?
| Wherefore I perceive | וְרָאִ֗יתִי | wĕrāʾîtî | veh-ra-EE-tee |
| that | כִּ֣י | kî | kee |
| there is nothing | אֵ֥ין | ʾên | ane |
| better, | טוֹב֙ | ṭôb | tove |
| that than | מֵאֲשֶׁ֨ר | mēʾăšer | may-uh-SHER |
| a man | יִשְׂמַ֤ח | yiśmaḥ | yees-MAHK |
| should rejoice | הָאָדָם֙ | hāʾādām | ha-ah-DAHM |
| works; own his in | בְּֽמַעֲשָׂ֔יו | bĕmaʿăśāyw | beh-ma-uh-SAV |
| for | כִּי | kî | kee |
| that | ה֖וּא | hûʾ | hoo |
| portion: his is | חֶלְק֑וֹ | ḥelqô | hel-KOH |
| for | כִּ֣י | kî | kee |
| who | מִ֤י | mî | mee |
| bring shall | יְבִיאֶ֙נּוּ֙ | yĕbîʾennû | yeh-vee-EH-NOO |
| him to see | לִרְא֔וֹת | lirʾôt | leer-OTE |
| what shall be | בְּמֶ֖ה | bĕme | beh-MEH |
| after | שֶׁיִּהְיֶ֥ה | šeyyihye | sheh-yee-YEH |
| him? | אַחֲרָֽיו׃ | ʾaḥărāyw | ah-huh-RAIV |
Cross Reference
सभोपदेशक 10:14
मूर्ख बहुत बातें बढ़ा कर बोलता है, तौभी कोई मनुष्य नहीं जानता कि क्या होगा, और कौन बता सकता है कि उसके बाद क्या होने वाला है?
सभोपदेशक 8:7
वह नहीं जानता कि क्या होने वाला है, और कब होगा? यह उसको कौन बता सकता है?
सभोपदेशक 6:12
क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाईं की नाईं बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद दुनिया में क्या होगा?
सभोपदेशक 3:11
उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।
सभोपदेशक 2:24
मनुष्य के लिये खाने-पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं। मैं ने देखा कि यह भी परमेश्वर की ओर से मिलता है।
सभोपदेशक 11:9
हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, और अपनी जवानी के दिनों के मगन रह; अपनी मनमानी कर और अपनी आंखों की दृष्टि के अनुसार चल। परन्तु यह जान रख कि इन सब बातों के विषय में परमेश्वर तेरा न्याय करेगा॥
फिलिप्पियों 4:4
प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्दित रहो।
रोमियो 12:11
प्रयत्न करने में आलसी न हो; आत्मिक उन्माद में भरो रहो; प्रभु की सेवा करते रहो।
मत्ती 6:34
सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है॥
दानिय्येल 12:13
अब तू जा कर अन्त तक ठहरा रह; और तू विश्राम करता रहेगा; और उन दिनों के अन्त में तू अपने निज भाग पर खड़ा होगा॥
दानिय्येल 12:9
उस ने कहा, हे दानिय्येल चला जा; क्योंकि ये बातें अन्त समय के लिये बन्द हैं और इन पर मुहर दी हुई है।
सभोपदेशक 9:12
क्योंकि मनुष्य अपना समय नहीं जानता। जैसे मछलियां दुखदाई जाल में बझतीं और चिडिय़े फन्दे में फंसती हैं, वैसे ही मनुष्य दुखदाई समय में जो उन पर अचानक आ पड़ता है, फंस जाते हैं॥
व्यवस्थाविवरण 12:18
उन्हें अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने उसी स्थान पर जिस को वह चुने अपने बेटे बेटियों और दास दासियों के, और जो लेवीय तेरे फाटकों के भीतर रहेंगे उनके साथ खाना, और तू अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने अपने सब कामों पर जिन में हाथ लगाया हो आनन्द करना।
व्यवस्थाविवरण 26:10
अब हे यहोवा, देख, जो भूमि तू ने मुझे दी है उसकी पहली उपज मैं तेरे पास ले आया हूं।
व्यवस्थाविवरण 28:47
तू जो सब पदार्थ की बहुतायत होने पर भी आनन्द और प्रसन्नता के साथ अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा नहीं करेगा,
अय्यूब 14:21
उसके पुत्रों की बड़ाई होती है, और यह उसे नहीं सूझता; और उनकी घटी होती है, परन्तु वह उनका हाल नहीं जानता।
सभोपदेशक 2:10
और जितनी वस्तुओं के देखने की मैं ने लालसा की, उन सभों को देखने से मैं न रूका; मैं ने अपना मन किसी प्रकार का आनन्द भोगने से न रोका क्योंकि मेरा मन मेरे सब परिश्रम के कारण आनन्दित हुआ; और मेरे सब परिश्रम से मुझे यही भाग मिला।
सभोपदेशक 5:18
सुन, जो भली बात मैं ने देखी है, वरन जो उचित है, वह यह कि मनुष्य खाए और पीए और अपने परिश्रम से जो वह धरती पर करता है, अपनी सारी आयु भर जो परमेश्वर ने उसे दी है, सुखी रहे: क्योंकि उसका भाग यही है।
सभोपदेशक 8:15
तब मैं ने आनन्द को सराहा, क्योंकि सूर्य के नीचे मनुष्य के लिये खाने-पीने और आनन्द करने को छोड़ और कुछ भी अच्छा नहीं, क्योंकि यही उसके जीवन भर जो परमेश्वर उसके लिये धरती पर ठहराए, उसके परिश्रम में उसके संग बना रहेगा॥
सभोपदेशक 9:7
अपने मार्ग पर चला जा, अपनी रोटी आनन्द से खाया कर, और मन में सुख मान कर अपना दाखमधु पिया कर; क्योंकि परमेश्वर तेरे कामों से प्रसन्न हो चुका है॥
व्यवस्थाविवरण 12:7
और वहीं तुम अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने भोजन करना, और अपने अपने घराने समेत उन सब कामों पर, जिन में तुम ने हाथ लगाया हो, और जिन पर तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की आशीष मिली हो, आनन्द करना।