सभोपदेशक 2:10
और जितनी वस्तुओं के देखने की मैं ने लालसा की, उन सभों को देखने से मैं न रूका; मैं ने अपना मन किसी प्रकार का आनन्द भोगने से न रोका क्योंकि मेरा मन मेरे सब परिश्रम के कारण आनन्दित हुआ; और मेरे सब परिश्रम से मुझे यही भाग मिला।
And whatsoever | וְכֹל֙ | wĕkōl | veh-HOLE |
אֲשֶׁ֣ר | ʾăšer | uh-SHER | |
mine eyes | שָֽׁאֲל֣וּ | šāʾălû | sha-uh-LOO |
desired | עֵינַ֔י | ʿênay | ay-NAI |
I kept | לֹ֥א | lōʾ | loh |
not | אָצַ֖לְתִּי | ʾāṣaltî | ah-TSAHL-tee |
withheld I them, from | מֵהֶ֑ם | mēhem | may-HEM |
not | לֹֽא | lōʾ | loh |
מָנַ֨עְתִּי | mānaʿtî | ma-NA-tee | |
my heart | אֶת | ʾet | et |
any from | לִבִּ֜י | libbî | lee-BEE |
joy; | מִכָּל | mikkāl | mee-KAHL |
for | שִׂמְחָ֗ה | śimḥâ | seem-HA |
my heart | כִּֽי | kî | kee |
rejoiced | לִבִּ֤י | libbî | lee-BEE |
in all | שָׂמֵ֙חַ֙ | śāmēḥa | sa-MAY-HA |
labour: my | מִכָּל | mikkāl | mee-KAHL |
and this | עֲמָלִ֔י | ʿămālî | uh-ma-LEE |
was | וְזֶֽה | wĕze | veh-ZEH |
portion my | הָיָ֥ה | hāyâ | ha-YA |
of all | חֶלְקִ֖י | ḥelqî | hel-KEE |
my labour. | מִכָּל | mikkāl | mee-KAHL |
עֲמָלִֽי׃ | ʿămālî | uh-ma-LEE |