Deuteronomy 26:5
तब तू अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार कहना, कि मेरा मूलपुरूष एक अरामी मनुष्य था जो मरने पर था; और वह अपने छोटे से परिवार समेत मिस्र को गया, और वहां परदेशी हो कर रहा; और वहाँ उस से एक बड़ी, और सामर्थी, और बहुत मनुष्यों से भरी हुई जाति उत्पन्न हुई।
Deuteronomy 26:5 in Other Translations
King James Version (KJV)
And thou shalt speak and say before the LORD thy God, A Syrian ready to perish was my father, and he went down into Egypt, and sojourned there with a few, and became there a nation, great, mighty, and populous:
American Standard Version (ASV)
And thou shalt answer and say before Jehovah thy God, A Syrian ready to perish was my father; and he went down into Egypt, and sojourned there, few in number; and he became there a nation, great, mighty, and populous.
Bible in Basic English (BBE)
And these are the words which you will say before the Lord your God: My father was a wandering Aramaean, and he went down with a small number of people into Egypt; there he became a great and strong nation:
Darby English Bible (DBY)
And thou shalt speak and say before Jehovah thy God, A perishing Aramean was my father, and he went down to Egypt with a few, and sojourned there, and became there a nation, great, mighty, and populous.
Webster's Bible (WBT)
And thou shalt speak and say before the LORD thy God, A Syrian ready to perish was my father, and he went down to Egypt, and sojourned there with a few, and became there a nation, great, mighty, and populous:
World English Bible (WEB)
You shall answer and say before Yahweh your God, A Syrian ready to perish was my father; and he went down into Egypt, and sojourned there, few in number; and he became there a nation, great, mighty, and populous.
Young's Literal Translation (YLT)
`And thou hast answered and said before Jehovah thy God, A perishing Aramaean `is' my father! and he goeth down to Egypt, and sojourneth there with few men, and becometh there a nation, great, mighty, and numerous;
| And thou shalt speak | וְעָנִ֨יתָ | wĕʿānîtā | veh-ah-NEE-ta |
| say and | וְאָֽמַרְתָּ֜ | wĕʾāmartā | veh-ah-mahr-TA |
| before | לִפְנֵ֣י׀ | lipnê | leef-NAY |
| the Lord | יְהוָ֣ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| God, thy | אֱלֹהֶ֗יךָ | ʾĕlōhêkā | ay-loh-HAY-ha |
| A Syrian | אֲרַמִּי֙ | ʾărammiy | uh-ra-MEE |
| perish to ready | אֹבֵ֣ד | ʾōbēd | oh-VADE |
| was my father, | אָבִ֔י | ʾābî | ah-VEE |
| down went he and | וַיֵּ֣רֶד | wayyēred | va-YAY-red |
| into Egypt, | מִצְרַ֔יְמָה | miṣraymâ | meets-RA-ma |
| and sojourned | וַיָּ֥גָר | wayyāgor | va-YA-ɡore |
| there | שָׁ֖ם | šām | shahm |
| with | בִּמְתֵ֣י | bimtê | beem-TAY |
| few, a | מְעָ֑ט | mĕʿāṭ | meh-AT |
| and became | וַֽיְהִי | wayhî | VA-hee |
| there | שָׁ֕ם | šām | shahm |
| nation, a | לְג֥וֹי | lĕgôy | leh-ɡOY |
| great, | גָּד֖וֹל | gādôl | ɡa-DOLE |
| mighty, | עָצ֥וּם | ʿāṣûm | ah-TSOOM |
| and populous: | וָרָֽב׃ | wārāb | va-RAHV |
Cross Reference
व्यवस्थाविवरण 10:22
तेरे पुरखा जब मिस्र में गए तब सत्तर ही मनुष्य थे; परन्तु अब तेरे परमेश्वर यहोवा ने तेरी गिनती आकाश के तारों के समान बहुत कर दिया है॥
उत्पत्ति 46:27
और यूसुफ के पुत्र, जो मिस्र में उससे उत्पन्न हुए, वे दो प्राणी थे: इस प्रकार याकूब के घराने के जो प्राणी मिस्र में आए सो सब मिलकर सत्तर हुए॥
उत्पत्ति 43:1
और अकाल देश में और भी भयंकर होता गया।
उत्पत्ति 43:12
फिर अपने अपने साथ दूना रूपया ले जाओ; और जो रूपया तुम्हारे बोरों के मुंह पर रखकर फेर दिया गया था, उसको भी लेते जाओ; कदाचित यह भूल से हुआ हो।
उत्पत्ति 45:7
सो परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसी लिये भेजा, कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े।
उत्पत्ति 45:11
और अकाल के जो पांच वर्ष और होंगे, उन में मैं वहीं तेरा पालन पोषण करूंगा; ऐसा न हो कि तू, और तेरा घराना, वरन जितने तेरे हैं, सो भूखों मरें।
होशे 12:12
याकूब अराम के मैदान में भाग गया था; वहां इस्राएल ने एक पत्नी के लिये सेवा की, और पत्नी के लिये वह चरवाही करता था।
प्रेरितों के काम 7:15
तब याकूब मिसर में गया; और वहां वह और हमारे बाप दादे मर गए।
यशायाह 51:1
हे धर्म पर चलने वालो, हे यहोवा के ढूंढ़ने वालो, कान लगाकर मेरी सुनो; जिस चट्टान में से तुम खोदे गए और जिस खानि में से तुम निकाले गए, उस पर ध्यान करो।
भजन संहिता 105:23
फिर इस्राएल मिस्त्र में आया; और याकूब हाम के देश में परदेशी रहा।
व्यवस्थाविवरण 7:7
यहोवा ने जो तुम से स्नेह करके तुम को चुन लिया, इसका कारण यह नहीं था कि तुम गिनती में और सब देशों के लोगों से अधिक थे, किन्तु तुम तो सब देशों के लोगों से गिनती में थोड़े थे;
निर्गमन 1:12
पर ज्यों ज्यों वे उन को दु:ख देते गए त्यों त्यों वे बढ़ते और फैलते चले गए; इसलिये वे इस्राएलियों से अत्यन्त डर गए।
निर्गमन 1:7
और इस्राएल की सन्तान फूलने फलने लगी; और वे अत्यन्त सामर्थी बनते चले गए; और इतना बढ़ गए कि कुल देश उन से भर गया॥
उत्पत्ति 25:20
और इसहाक ने चालीस वर्ष का हो कर रिबका को, जो पद्दनराम के वासी, अरामी बतूएल की बेटी, और अरामी लाबान की बहिन भी, ब्याह लिया।
उत्पत्ति 27:41
ऐसाव ने तो याकूब से अपने पिता के दिए हुए आशीर्वाद के कारण बैर रखा; सो उसने सोचा, कि मेरे पिता के अन्तकाल का दिन निकट है, फिर मैं अपने भाई याकूब को घात करूंगा।
उत्पत्ति 28:5
और इसहाक ने याकूब को विदा किया, और वह पद्दनराम को अरामी बतूएल के उस पुत्र लाबान के पास चला, जो याकूब और ऐसाव की माता रिबका का भाई था।
उत्पत्ति 31:20
सो याकूब लाबान अरामी के पास से चोरी से चला गया, उसको न बताया कि मैं भागा जाता हूं।
उत्पत्ति 31:24
तब परमेश्वर ने रात के स्वप्न में आरामी लाबान के पास आकर कहा, सावधान रह, तू याकूब से न तो भला कहना और न बुरा।
उत्पत्ति 31:40
मेरी तो यह दशा थी, कि दिन को तो घाम और रात को पाला मुझे खा गया; और नीन्द मेरी आंखों से भाग जाती थी।
उत्पत्ति 46:1
तब इस्राएल अपना सब कुछ ले कर कूच करके बेर्शेबा को गया, और वहां अपने पिता इसहाक के परमेश्वर को बलिदान चढ़ाए।
उत्पत्ति 47:27
और इस्राएली मिस्र के गोशेन देश में रहने लगे; और वहां की भूमि को अपने वश में कर लिया, और फूले-फले, और अत्यन्त बढ़ गए॥
निर्गमन 1:5
और यूसुफ तो मिस्र में पहिले ही आ चुका था। याकूब के निज वंश में जो उत्पन्न हुए वे सब सत्तर प्राणी थे।
उत्पत्ति 24:4
परन्तु तू मेरे देश में मेरे ही कुटुम्बियों के पास जा कर मेरे पुत्र इसहाक के लिये एक पत्नी ले आएगा।