व्यवस्थाविवरण 20:6
और कौन है जिसने दाख की बारी लगाई हो, परन्तु उसके फल न खाए हों? वह भी अपने घर को लौट जाए, ऐसा न हो कि वह संग्राम में मारा जाए, और दूसरा मनुष्य उसके फल खाए।
And what | וּמִֽי | ûmî | oo-MEE |
man | הָאִ֞ישׁ | hāʾîš | ha-EESH |
is he that | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
hath planted | נָטַ֥ע | nāṭaʿ | na-TA |
vineyard, a | כֶּ֙רֶם֙ | kerem | KEH-REM |
and hath not | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
yet eaten | חִלְּל֔וֹ | ḥillĕlô | hee-leh-LOH |
go also him let it? of | יֵלֵ֖ךְ | yēlēk | yay-LAKE |
and return | וְיָשֹׁ֣ב | wĕyāšōb | veh-ya-SHOVE |
house, his unto | לְבֵית֑וֹ | lĕbêtô | leh-vay-TOH |
lest | פֶּן | pen | pen |
die he | יָמוּת֙ | yāmût | ya-MOOT |
in the battle, | בַּמִּלְחָמָ֔ה | bammilḥāmâ | ba-meel-ha-MA |
another and | וְאִ֥ישׁ | wĕʾîš | veh-EESH |
man | אַחֵ֖ר | ʾaḥēr | ah-HARE |
eat | יְחַלְּלֶֽנּוּ׃ | yĕḥallĕlennû | yeh-ha-leh-LEH-noo |