Daniel 11:27
तब उन दोनों राजाओं के मन बुराई करने में लगेंगे, यहां तक कि वे एक ही मेज पर बैठे हुए आपस में झूठ बोलेंगे, परन्तु इस से कुछ बन न पड़ेगा; क्योंकि इन सब बातों का अन्त नियत ही समय में होने वाला है।
Daniel 11:27 in Other Translations
King James Version (KJV)
And both of these kings' hearts shall be to do mischief, and they shall speak lies at one table; but it shall not prosper: for yet the end shall be at the time appointed.
American Standard Version (ASV)
And as for both these kings, their hearts shall be to do mischief, and they shall speak lies at one table: but it shall not prosper; for yet the end shall be at the time appointed.
Bible in Basic English (BBE)
And as for these two kings, their hearts will be fixed on doing evil and they will say false words at one table; but it will come to nothing: for the end will be at the time fixed.
Darby English Bible (DBY)
And both these kings' hearts [shall meditate] mischief, and they shall speak lies at one table; but it shall not prosper; for yet the end shall be at the time appointed.
World English Bible (WEB)
As for both these kings, their hearts shall be to do mischief, and they shall speak lies at one table: but it shall not prosper; for yet the end shall be at the time appointed.
Young's Literal Translation (YLT)
`And both of the kings' hearts `are' to do evil, and at one table they speak lies, and it doth not prosper, for yet the end `is' at a time appointed.
| And both | וּשְׁנֵיהֶ֤ם | ûšĕnêhem | oo-sheh-nay-HEM |
| these kings' | הַמְּלָכִים֙ | hammĕlākîm | ha-meh-la-HEEM |
| hearts | לְבָבָ֣ם | lĕbābām | leh-va-VAHM |
| mischief, do to be shall | לְמֵרָ֔ע | lĕmērāʿ | leh-may-RA |
| and they shall speak | וְעַל | wĕʿal | veh-AL |
| lies | שֻׁלְחָ֥ן | šulḥān | shool-HAHN |
| at | אֶחָ֖ד | ʾeḥād | eh-HAHD |
| one | כָּזָ֣ב | kāzāb | ka-ZAHV |
| table; | יְדַבֵּ֑רוּ | yĕdabbērû | yeh-da-BAY-roo |
| but it shall not | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
| prosper: | תִצְלָ֔ח | tiṣlāḥ | teets-LAHK |
| for | כִּי | kî | kee |
| yet | ע֥וֹד | ʿôd | ode |
| end the | קֵ֖ץ | qēṣ | kayts |
| shall be at the time appointed. | לַמּוֹעֵֽד׃ | lammôʿēd | la-moh-ADE |
Cross Reference
हबक्कूक 2:3
क्योंकि इस दर्शन की बात नियत समय में पूरी होने वाली है, वरन इसके पूरे होने का समय वेग से आता है; इस में धोखा न होगा। चाहे इस में विलम्ब भी हो, तौभी उसकी बाट जोहते रहना; क्योंकि वह निश्चय पूरी होगी और उस में देर न होगी।
दानिय्येल 11:35
और सिखाने वालों में से कितनें गिरेंगे, और इसलिये गिरने पाएंगे कि जांचे जाएं, और निर्मल और उजले किए जाएं। यह दशा अन्त के समय तक बनी रहेगी, क्योंकि इन सब बातों का अन्त नियत समय में होने वाला है॥
भजन संहिता 64:6
वे कुटिलता की युक्ति निकालते हैं; और कहते हैं, कि हम ने पक्की युक्ति खोजकर निकाली है। क्योंकि मनुष्य का मन और हृदय अथाह हैं!
भजन संहिता 12:2
उन में से प्रत्येक अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे चापलूसी के ओठों से दो रंगी बातें करते हैं॥
भजन संहिता 52:1
हे वीर, तू बुराई करने पर क्यों घमण्ड करता है? ईश्वर की करूणा तो अनन्त है।
यिर्मयाह 9:3
अपनी अपनी जीभ को वे धनुष की नाईं झूठ बोलने के लिये तैयार करते हैं, और देश में बलवन्त तो हो गए, परन्तु सच्चाई के लिये नहीं; वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते हैं, और वे मुझ को जानते ही नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
यिर्मयाह 41:1
और सातवें महीने में ऐसा हुआ कि इश्माएल जो नतन्याह का पुत्र और एलीशामा का पोता और राजवंश का और राजा के प्रधान पुरुषों में से था, सो दस जन संग ले कर मिस्पा में अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास आया। वहां मिस्पा में उन्होंने एक संग भोजन किया।
दानिय्येल 8:19
तब उसने कहा, क्रोध भड़काने के अन्त के दिनों में जो कुछ होगा, वह मैं तुझे जताता हूं; क्योंकि अन्त के ठहराए हुए समय में वह सब पूरा हो जाएगा।
दानिय्येल 11:40
अन्त के समय दक्खिन देश का राजा उसको सींग मारने लगेगा; परन्तु उत्तर देश का राजा उस पर बवण्डर की नाईं बहुत से रथ-सवार और जहाज ले कर चढ़ाई करेगा; इस रीति से वह बहुत से देशों में फैल जाएगा, और उन में से निकल जाएगा।
1 थिस्सलुनीकियों 5:1
पर हे भाइयो, इसका प्रयोजन नहीं, कि समयों और कालों के विषय में तुम्हारे पास कुछ लिखा जाए।
प्रेरितों के काम 17:31
क्योंकि उस ने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उस ने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है॥
प्रेरितों के काम 1:7
उस ने उन से कहा; उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं।
भजन संहिता 58:2
नहीं, तुम मन ही मन में कुटिल काम करते हो; तुम देश भर में उपद्रव करते जाते हो॥
भजन संहिता 62:9
सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; तौल में वे हलके निकलते हैं; वे सब के सब सांस से भी हलके हैं।
नीतिवचन 12:20
बुरी युक्ति करने वालों के मन में छल रहता है, परन्तु मेल की युक्ति करने वालों को आनन्द होता है।
नीतिवचन 19:21
मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएं होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।
नीतिवचन 23:6
जो डाह से देखता है, उसकी रोटी न खाना, और न उसकी स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं की लालसा करना;
नीतिवचन 26:23
जैसा कोई चान्दी का पानी चढ़ाया हुअ मिट्टी का बर्तन हो, वैसा ही बुरे मन वाले के प्रेम भरे वचन होते हैं।
यहेजकेल 17:9
सो तू यह कह, कि प्रभु यहोवा यों पूछता है, क्या वह फूले फलेगी? क्या वह उसको जड़ से न उखाड़ेगा, और उसके फलों को न झाड़ डालेगा कि वह अपनी सब हरी नई पत्तियों समेत सूख जाए? इसे जड़ से उखाड़ने के लिये अधिक बल और बहुत से मनुष्यों की आवश्यकता न होगी।
दानिय्येल 10:1
फारस देश के राजा कुस्रू के राज्य के तीसरे वर्ष में दानिय्येल पर, जो बेलतशस्सर भी कहलाता है, एक बात प्रगट की गई। और वह बात सच थी कि बड़ा युद्ध होगा। उसने इस बात को बूझ लिया, और उसको इस देखी हुई बात की समझ आ गई॥
दानिय्येल 11:29
नियत समय पर वह फिर दक्खिन देश की ओर जाएगा, परन्तु उस पिछली बार के समान इस बार उसका वश न चलेगा।
2 शमूएल 13:26
तब अबशालोम ने कहा, यदि तू नहीं तो मेरे भाई अम्नोन को हमारे संग जाने दे। राजा ने उस से पूछा, वह तेरे संग क्यों चले?