Colossians 3:5
इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है।
Colossians 3:5 in Other Translations
King James Version (KJV)
Mortify therefore your members which are upon the earth; fornication, uncleanness, inordinate affection, evil concupiscence, and covetousness, which is idolatry:
American Standard Version (ASV)
Put to death therefore your members which are upon the earth: fornication, uncleanness, passion, evil desire, and covetousness, which is idolatry;
Bible in Basic English (BBE)
Then put to death your bodies which are of the earth; wrong use of the flesh, unclean things, passion, evil desires and envy, which is the worship of strange gods;
Darby English Bible (DBY)
Put to death therefore your members which [are] upon the earth, fornication, uncleanness, vile passions, evil lust, and unbridled desire, which is idolatry.
World English Bible (WEB)
Put to death therefore your members which are on the earth: sexual immorality, uncleanness, depraved passion, evil desire, and covetousness, which is idolatry;
Young's Literal Translation (YLT)
Put to death, then, your members that `are' upon the earth -- whoredom, uncleanness, passion, evil desire, and the covetousness, which is idolatry --
| Mortify | Νεκρώσατε | nekrōsate | nay-KROH-sa-tay |
| therefore | οὖν | oun | oon |
| your | τὰ | ta | ta |
| μέλη | melē | MAY-lay | |
| members | ὑμῶν | hymōn | yoo-MONE |
| are which | τὰ | ta | ta |
| upon | ἐπὶ | epi | ay-PEE |
| the | τῆς | tēs | tase |
| earth; | γῆς | gēs | gase |
| fornication, | πορνείαν | porneian | pore-NEE-an |
| uncleanness, | ἀκαθαρσίαν | akatharsian | ah-ka-thahr-SEE-an |
| inordinate affection, | πάθος | pathos | PA-those |
| evil | ἐπιθυμίαν | epithymian | ay-pee-thyoo-MEE-an |
| concupiscence, | κακήν | kakēn | ka-KANE |
| and | καὶ | kai | kay |
| τὴν | tēn | tane | |
| covetousness, | πλεονεξίαν | pleonexian | play-oh-nay-KSEE-an |
| which | ἥτις | hētis | AY-tees |
| is | ἐστὶν | estin | ay-STEEN |
| idolatry: | εἰδωλολατρεία, | eidōlolatreia | ee-thoh-loh-la-TREE-ah |
Cross Reference
गलातियों 5:19
शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन।
रोमियो 8:13
क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे।
1 कुरिन्थियों 6:18
व्यभिचार से बचे रहो: जितने और पाप मनुष्य करता है, वे देह के बाहर हैं, परन्तु व्यभिचार करने वाला अपनी ही देह के विरूद्ध पाप करता है।
रोमियो 6:13
और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
2 कुरिन्थियों 12:21
और मेरा परमेश्वर कहीं मेरे फिर से तुम्हारे यहां आने पर मुझ पर दबाव डाले और मुझे बहुतों के लिये फिर शोक करना पड़े, जिन्हों ने पहिले पाप किया था, और उस गन्दे काम, और व्यभिचार, और लुचपन से, जो उन्होंने किया, मन नहीं फिराया॥
गलातियों 5:24
और जो मसीह यीशु के हैं, उन्होंने शरीर को उस की लालसाओं और अभिलाषाओं समेत क्रूस पर चढ़ा दिया है॥
इफिसियों 4:19
और वे सुन्न होकर, लुचपन में लग गए हैं, कि सब प्रकार के गन्दे काम लालसा से किया करें।
इफिसियों 5:3
और जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो।
1 पतरस 2:11
हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
प्रकाशित वाक्य 22:15
पर कुत्ते, और टोन्हें, और व्यभिचारी, और हत्यारे और मूर्तिपूजक, और हर एक झूठ का चाहने वाला, और गढ़ने वाला बाहर रहेगा॥
प्रकाशित वाक्य 21:8
पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥
1 कुरिन्थियों 6:13
भोजन पेट के लिये, और पेट भोजन के लिये है, परन्तु परमेश्वर इस को और उस को दोनों को नाश करेगा, परन्तु देह व्यभिचार के लिये नहीं, वरन प्रभु के लिये; और प्रभु देह के लिये है।
1 कुरिन्थियों 6:9
क्या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे? धोखा न खाओ, न वेश्यागामी, न मूर्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्चे, न पुरूषगामी।
याकूब 4:1
तुम में लड़ाइयां और झगड़े कहां से आ गए? क्या उन सुख-विलासों से नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ते-भिड़ते हैं?
इब्रानियों 13:4
विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और बिछौना निष्कलंक रहे; क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा।
इब्रानियों 12:16
ऐसा न हो, कि कोई जन व्यभिचारी, कष्ट ऐसाव की नाईं अधर्मी हो, जिस न एक बार के भोजन के बदले अपने पहिलौठे होने का पद बेच डाला।
मरकुस 7:21
क्योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता, व्यभिचार।
रोमियो 1:26
इसलिये परमेश्वर ने उन्हें नीच कामनाओं के वश में छोड़ दिया; यहां तक कि उन की स्त्रियों ने भी स्वाभाविक व्यवहार को, उस से जो स्वभाव के विरूद्ध है, बदल डाला।
रोमियो 1:29
सो वे सब प्रकार के अधर्म, और दुष्टता, और लोभ, और बैरभाव, से भर गए; और डाह, और हत्या, और झगड़े, और छल, और ईर्षा से भरपूर हो गए, और चुगलखोर,
रोमियो 6:6
क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें।
रोमियो 7:5
क्योंकि जब हम शारीरिक थे, तो पापों की अभिलाषायें जो व्यवस्था के द्वारा थीं, मृत्यु का फल उत्पन्न करने के लिये हमारे अंगों में काम करती थीं।
रोमियो 7:7
तो हम क्या कहें? क्या व्यवस्था पाप है? कदापि नहीं! वरन बिना व्यवस्था के मैं पाप को नहीं पहिचानता: व्यवस्था यदि न कहती, कि लालच मत कर तो मैं लालच को न जानता।
रोमियो 7:23
परन्तु मुझे अपने अंगो में दूसरे प्रकार की व्यवस्था दिखाई पड़ती है, जो मेरी बुद्धि की व्यवस्था से लड़ती है, और मुझे पाप की व्यवस्था के बन्धन में डालती है जो मेरे अंगों में है।
1 कुरिन्थियों 5:1
यहां तक सुनने में आता है, कि तुम में व्यभिचार होता है, वरन ऐसा व्यभिचार जो अन्यजातियों में भी नहीं होता, कि एक मनुष्य अपने पिता की पत्नी को रखता है।
1 कुरिन्थियों 5:10
यह नहीं, कि तुम बिलकुल इस जगत के व्यभिचारियों, या लोभियों, या अन्धेर करने वालों, या मूर्तिपूजकों की संगति न करो; क्योंकि इस दशा में तो तुम्हें जगत में से निकल जाना ही पड़ता।
1 कुरिन्थियों 10:6
ये बातें हमारे लिये दृष्टान्त ठहरी, कि जैसे उन्होंने लालच किया, वैसे हम बुरी वस्तुओं का लालच न करें।
1 थिस्सलुनीकियों 4:3
क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो।
1 थिस्सलुनीकियों 4:5
और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न उन जातियों की नाईं, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं।
मत्ती 15:19
क्योंकि कुचिन्ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है।