आमोस 9:5
सेनाओं के परमेश्वर यहोवा के स्पर्श करने से पृथ्वी पिघलती है, और उसके सारे रहने वाले विलाप करते हैं; और वह सब की सब मिस्र की नदी के समान जो जाती है, जो बढ़ती है फिर लहरें मारती, और घट जाती है।
And the Lord | וַאדֹנָ֨י | waʾdōnāy | va-doh-NAI |
God | יְהוִ֜ה | yĕhwi | yeh-VEE |
hosts of | הַצְּבָא֗וֹת | haṣṣĕbāʾôt | ha-tseh-va-OTE |
is he that toucheth | הַנּוֹגֵ֤עַ | hannôgēaʿ | ha-noh-ɡAY-ah |
land, the | בָּאָ֙רֶץ֙ | bāʾāreṣ | ba-AH-RETS |
and it shall melt, | וַתָּמ֔וֹג | wattāmôg | va-ta-MOɡE |
all and | וְאָבְל֖וּ | wĕʾoblû | veh-ove-LOO |
that dwell | כָּל | kāl | kahl |
mourn: shall therein | י֣וֹשְׁבֵי | yôšĕbê | YOH-sheh-vay |
and it shall rise up | בָ֑הּ | bāh | va |
wholly | וְעָלְתָ֤ה | wĕʿoltâ | veh-ole-TA |
like a flood; | כַיְאֹר֙ | kayʾōr | hai-ORE |
drowned, be shall and | כֻּלָּ֔הּ | kullāh | koo-LA |
as by the flood | וְשָׁקְעָ֖ה | wĕšoqʿâ | veh-shoke-AH |
of Egypt. | כִּיאֹ֥ר | kîʾōr | kee-ORE |
מִצְרָֽיִם׃ | miṣrāyim | meets-RA-yeem |