यूहन्ना 15:5 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल यूहन्ना यूहन्ना 15 यूहन्ना 15:5

John 15:5
मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।

John 15:4John 15John 15:6

John 15:5 in Other Translations

King James Version (KJV)
I am the vine, ye are the branches: He that abideth in me, and I in him, the same bringeth forth much fruit: for without me ye can do nothing.

American Standard Version (ASV)
I am the vine, ye are the branches: He that abideth in me, and I in him, the same beareth much fruit: for apart from me ye can do nothing.

Bible in Basic English (BBE)
I am the vine, you are the branches: he who is in me at all times as I am in him, gives much fruit, because without me you are able to do nothing.

Darby English Bible (DBY)
I am the vine, ye [are] the branches. He that abides in me and I in him, *he* bears much fruit; for without me ye can do nothing.

World English Bible (WEB)
I am the vine. You are the branches. He who remains in me, and I in him, the same bears much fruit, for apart from me you can do nothing.

Young's Literal Translation (YLT)
`I am the vine, ye the branches; he who is remaining in me, and I in him, this one doth bear much fruit, because apart from me ye are not able to do anything;

I
ἐγώegōay-GOH
am
εἰμιeimiee-mee
the
ay
vine,
ἄμπελοςampelosAM-pay-lose
ye
ὑμεῖςhymeisyoo-MEES
are
the
τὰtata
branches:
κλήματαklēmataKLAY-ma-ta
He
that
hooh
abideth
μένωνmenōnMAY-none
in
ἐνenane
me,
ἐμοὶemoiay-MOO
and
I
κἀγὼkagōka-GOH
in
ἐνenane
him,
αὐτῷautōaf-TOH
the
same
οὗτοςhoutosOO-tose
bringeth
forth
φέρειphereiFAY-ree
much
καρπὸνkarponkahr-PONE
fruit:
πολύνpolynpoh-LYOON
for
ὅτιhotiOH-tee
without
χωρὶςchōrishoh-REES
me
ἐμοῦemouay-MOO
ye
can
οὐouoo

δύνασθεdynastheTHYOO-na-sthay
do
ποιεῖνpoieinpoo-EEN
nothing.
οὐδένoudenoo-THANE

Cross Reference

फिलिप्पियों 4:13
जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।

कुलुस्सियों 1:10
ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ।

2 पतरस 1:2
परमेश्वर के और हमारे प्रभु यीशु की पहचान के द्वारा अनुग्रह और शान्ति तुम में बहुतायत से बढ़ती जाए।

नीतिवचन 11:30
धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान मनुष्य लोगों के मन को मोह लेता है।

याकूब 1:17
क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।

यूहन्ना 15:16
तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।

गलातियों 5:22
पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,

2 पतरस 3:18
पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन॥

फिलिप्पियों 1:11
और उस धामिर्कता के फल से जो यीशु मसीह के द्वारा होते हैं, भरपूर होते जाओ जिस से परमेश्वर की महिमा और स्तुति होती रहे॥

रोमियो 7:4
सो हे मेरे भाइयो, तुम भी मसीह की देह के द्वारा व्यवस्था के लिये मरे हुए बन गए, कि उस दूसरे के हो जाओ, जो मरे हुओं में से जी उठा: ताकि हम परमेश्वर के लिये फल लाएं।

प्रेरितों के काम 4:12
और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें॥

यूहन्ना 5:19
इस पर यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, पुत्र आप से कुछ नहीं कर सकता, केवल वह जो पिता को करते देखता है, क्योंकि जिन जिन कामों को वह करता है उन्हें पुत्र भी उसी रीति से करता है।

फिलिप्पियों 4:17
यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।

लूका 13:6
फिर उस ने यह दृष्टान्त भी कहा, कि किसी की अंगूर की बारी में एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था: वह उस में फल ढूंढ़ने आया, परन्तु न पाया।

यूहन्ना 9:33
यदि यह व्यक्ति परमेश्वर की ओर से न होता, तो कुछ भी नहीं कर सकता।

2 कुरिन्थियों 13:8
क्योंकि हम सत्य के विरोध में कुछ नहीं कर सकते, पर सत्य के लिये कर सकते हैं।

रोमियो 6:22
क्योंकि उन का अन्त तो मृत्यु है परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिस से पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है।

2 कुरिन्थियों 9:10
सो जो बोने वाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा।

1 पतरस 2:4
उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है।

कुलुस्सियों 1:6
जो तुम्हारे पास पहुंचा है और जैसा जगत में भी फल लाता, और बढ़ता जाता है; अर्थात जिस दिन से तुम ने उस को सुना, और सच्चाई से परमेश्वर का अनुग्रह पहिचाना है, तुम में भी ऐसा ही करता है।

यूहन्ना 12:24
मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।

रोमियो 12:5
वैसा ही हम जो बहुत हैं, मसीह में एक देह होकर आपस में एक दूसरे के अंग हैं।

होशे 4:8
वे मेरी प्रजा के पापबलियों को खाते हैं, और प्रजा के पापी होने की लालसा करते हैं।

1 कुरिन्थियों 10:16
वह धन्यवाद का कटोरा, जिस पर हम धन्यवाद करते हैं, क्या मसीह के लोहू की सहभागिता नहीं? वह रोटी जिसे हम तोड़ते हैं, क्या वह मसीह की देह की सहभागिता नहीं?

इफिसियों 5:9
(क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)।

1 कुरिन्थियों 12:27
इसी प्रकार तुम सब मिल कर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।

1 कुरिन्थियों 12:12
क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।