Ezekiel 18:8
न ब्याज पर रुपया दिया हो, न रुपए की बढ़ती ली हो, और अपना हाथ कुटिल काम से रोका हो, मनुष्य के बीच सच्चाई से न्याय किया हो,
Ezekiel 18:8 in Other Translations
King James Version (KJV)
He that hath not given forth upon usury, neither hath taken any increase, that hath withdrawn his hand from iniquity, hath executed true judgment between man and man,
American Standard Version (ASV)
he that hath not given forth upon interest, neither hath taken any increase, that hath withdrawn his hand from iniquity, hath executed true justice between man and man,
Bible in Basic English (BBE)
And has not given his money out at interest or taken great profits, and, turning his hand from evil-doing, has kept faith between man and man,
Darby English Bible (DBY)
he hath not given forth upon usury, nor taken increase; he hath withdrawn his hand from unrighteousness, hath executed true judgment between man and man,
World English Bible (WEB)
he who has not given forth on interest, neither has taken any increase, who has withdrawn his hand from iniquity, has executed true justice between man and man,
Young's Literal Translation (YLT)
In usury he doth not give, and increase taketh not, From perversity he turneth back his hand, True judgment he doth between man and man.
| He that hath not | בַּנֶּ֣שֶׁךְ | bannešek | ba-NEH-shek |
| given forth | לֹֽא | lōʾ | loh |
| usury, upon | יִתֵּ֗ן | yittēn | yee-TANE |
| neither | וְתַרְבִּית֙ | wĕtarbît | veh-tahr-BEET |
| hath taken | לֹ֣א | lōʾ | loh |
| any increase, | יִקָּ֔ח | yiqqāḥ | yee-KAHK |
| withdrawn hath that | מֵעָ֖וֶל | mēʿāwel | may-AH-vel |
| his hand | יָשִׁ֣יב | yāšîb | ya-SHEEV |
| from iniquity, | יָד֑וֹ | yādô | ya-DOH |
| executed hath | מִשְׁפַּ֤ט | mišpaṭ | meesh-PAHT |
| true | אֱמֶת֙ | ʾĕmet | ay-MET |
| judgment | יַֽעֲשֶׂ֔ה | yaʿăśe | ya-uh-SEH |
| between | בֵּ֥ין | bên | bane |
| man | אִ֖ישׁ | ʾîš | eesh |
| and man, | לְאִֽישׁ׃ | lĕʾîš | leh-EESH |
Cross Reference
निर्गमन 22:25
यदि तू मेरी प्रजा में से किसी दीन को जो तेरे पास रहता हो रूपए का ऋण दे, तो उससे महाजन की नाईं ब्याज न लेना।
जकर्याह 8:16
जो जो काम तुम्हें करना चाहिये, वे ये हैं : एक दूसरे के साथ सत्य बोला करना, अपनी कचहरियों में सच्चाई का और मेल-मिलाप की नीति का न्याय करना,
व्यवस्थाविवरण 23:19
अपने किसी भाई को ब्याज पर ऋण न देना, चाहे रूपया हो, चाहे भोजन-वस्तु हो, चाहे कोई वस्तु हो जो ब्याज पर दी जाति है, उसे ब्याज न देना।
लैव्यवस्था 25:35
फिर यदि तेरा कोई भाईबन्धु कंगाल हो जाए, और उसकी दशा तेरे साम्हने तरस योग्य हो जाए, तो तू उसको संभालना; वह परदेशी वा यात्री की नाईं तेरे संग रहे।
भजन संहिता 15:5
जो अपना रूपया ब्याज पर नहीं देता, और निर्दोष की हानि करने के लिये घूस नहीं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा॥
यहेजकेल 18:13
ब्याज पर रुपया दिया हो, और बढ़ती ली हो, तो क्या वह जीवित रहेगा? वह जीवित न रहेगा; इसलिये कि उसने ये सब घिनौने काम किए हैं वह निश्चय मरेगा और उसका खून उसी के सिर पड़ेगा।
यहेजकेल 18:17
दीन जन की हानि करने से हाथ रोका हो, ब्याज और बढ़ती न ली हो, मेरे नियमों को माना हो, और मेरी विधियों पर चला हो, तो वह अपने पिता के अधर्म के कारण न मरेगा, वरन जीवित ही रहेगा।
यहेजकेल 22:12
तुझ में हत्या करने के लिये उन्होंने घूस ली है, तू ने ब्याज और सूद लिया और अपने पड़ोसियों को पीस पीसकर अन्याय से लाभ उठाया; और मुझ को तू ने भुला दिया है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
जकर्याह 7:9
खराई से न्याय चुकाना, और एक दूसरे के साथ कृपा और दया से काम करना,
यिर्मयाह 22:15
तू जो देवदार की लकड़ी का अभिलाषी है, क्या इस रीति से तेरा राज्य स्थिर रहेगा। देख, तेरा पिता न्याय और धर्म के काम करता था, और वह खाता पीता और सुख से भी रहता था!
यिर्मयाह 15:10
हे मेरी माता, मुझ पर हाथ, कि तू ने मुझ ऐसे मनुष्य को उत्पन्न किया जो संसार भर से झगड़ा और वादविवाद करने वाला ठहरा है! न तो मैं ने व्याज के लिये रुपये दिए, और न किसी से उधार लिए हैं, तौभी लोग मुझे कोसते हैं।
यशायाह 33:15
जो धर्म से चलता और सीधी बातें बोलता; जो अन्धेर के लाभ से घृणा करता, जो घूस नहीं लेता; जो खून की बात सुनने से कान बन्द करता, और बुराई देखने से आंख मूंद लेता है। वही ऊंचे स्थानों में निवास करेगा।
यशायाह 1:17
भलाई करना सीखो; यत्न से न्याय करो, उपद्रवी को सुधारो; अनाथ का न्याय चुकाओ, विधवा का मुकद्दमा लड़ो॥
लैव्यवस्था 19:35
तुम न्याय में, और परिमाण में, और तौल में, और नाप में कुटिलता न करना।
व्यवस्थाविवरण 1:16
और उस समय मैं ने तुम्हारे न्यायियों को आज्ञा दी, कि तुम अपने भाइयों के मुकद्दमे सुना करो, और उनके बीच और उनके पड़ोसियोंऔर परदेशियों के बीच भी धर्म से न्याय किया करो।
व्यवस्थाविवरण 16:18
तू अपने एक एक गोत्र में से, अपने सब फाटकों के भीतर जिन्हें तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ को देता है न्यायी और सरदार नियुक्त कर लेना, जो लोगों का न्याय धर्म से किया करें।
2 शमूएल 22:24
और मैं उसके साथ खरा बना रहा, और अधर्म से अपने को बचाए रहा, जिस में मेरे फंसने का डर था।
नहेमायाह 5:1
तब लोग और उनकी स्त्रियों की ओर से उनके भाई यहूदियों के किरुद्ध बड़ी चिल्लाहट मची।
नहेमायाह 5:15
परन्तु पहिले अधिपति जो मुझ से आगे थे, वह प्रजा पर भार डालते थे, और उन से रोटी, और दाखमधु, और इस से अधिक चालीस शेकेल चान्दी लेते थे, वरन उनके सेवक भी प्रजा के ऊपर अधिकार जताते थे; परन्तु मैं ऐसा नहीं करता था, क्योंकि मैं यहोवा का भय मानता था।
अय्यूब 29:7
जब जब मैं नगर के फाटक की ओर चलकर खुले स्थान में अपने बैठने का स्थान तैयार करता था,
नीतिवचन 28:8
जो अपना धन ब्याज आदि बढ़ती से बढ़ाता है, वह उसके लिये बटोरता है जो कंगालों पर अनुग्रह करता है।
नीतिवचन 31:8
गूंगे के लिये अपना मुंह खोल, और सब अनाथों का न्याय उचित रीति से किया कर।
लैव्यवस्था 19:15
न्याय में कुटिलता न करना; और न तो कंगाल का पक्ष करना और न बड़े मनुष्यों का मुंह देखा विचार करना; उस दूसरे का न्याय धर्म से करना।