2 Corinthians 8:8
मैं आज्ञा की रीति पर तो नहीं, परन्तु औरों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की सच्चाई को परखने के लिये कहता हूं।
2 Corinthians 8:8 in Other Translations
King James Version (KJV)
I speak not by commandment, but by occasion of the forwardness of others, and to prove the sincerity of your love.
American Standard Version (ASV)
I speak not by way of commandment, but as proving through the earnestness of others the sincerity also of your love.
Bible in Basic English (BBE)
I am not giving you an order, but using the ready mind of others as a test of the quality of your love.
Darby English Bible (DBY)
I do not speak as commanding [it], but through the zeal of others, and proving the genuineness of your love.
World English Bible (WEB)
I speak not by way of commandment, but as proving through the earnestness of others the sincerity also of your love.
Young's Literal Translation (YLT)
not according to command do I speak, but because of the diligence of others, and of your love proving the genuineness,
| I speak | Οὐ | ou | oo |
| not | κατ' | kat | kaht |
| by | ἐπιταγὴν | epitagēn | ay-pee-ta-GANE |
| commandment, | λέγω | legō | LAY-goh |
| but | ἀλλὰ | alla | al-LA |
| occasion by | διὰ | dia | thee-AH |
| of the | τῆς | tēs | tase |
| forwardness | ἑτέρων | heterōn | ay-TAY-rone |
| others, of | σπουδῆς | spoudēs | spoo-THASE |
| and | καὶ | kai | kay |
| to prove | τὸ | to | toh |
| the | τῆς | tēs | tase |
| sincerity | ὑμετέρας | hymeteras | yoo-may-TAY-rahs |
| ἀγάπης | agapēs | ah-GA-pase | |
| of your | γνήσιον | gnēsion | GNAY-see-one |
| love. | δοκιμάζων· | dokimazōn | thoh-kee-MA-zone |
Cross Reference
1 कुरिन्थियों 7:6
परन्तु मैं जो यह कहता हूं वह अनुमति है न कि आज्ञा।
1 यूहन्ना 3:17
पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?
1 पतरस 1:22
सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।
याकूब 2:14
हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?
इब्रानियों 10:24
और प्रेम, और भले कामों में उक्साने के लिये एक दूसरे की चिन्ता किया करें।
इफिसियों 6:24
जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से सच्चा प्रेम रखते हैं, उन सब पर अनुग्रह होता रहे॥
इफिसियों 4:15
वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं।
2 कुरिन्थियों 9:7
हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है।
2 कुरिन्थियों 9:2
क्योंकि मैं तुम्हारे मन की तैयारी को जानता हूं, जिस के कारण मैं तुम्हारे विषय में मकिदुनियों के साम्हने घमण्ड दिखाता हूं, कि अखया के लोग एक वर्ष से तैयार हुए हैं, और तुम्हारे उत्साह ने और बहुतों को भी उभारा है।
2 कुरिन्थियों 8:24
सो अपना प्रेम और हमारा वह घमण्ड जो तुम्हारे विषय में है कलीसियाओं के साम्हने उन्हें सिद्ध करके दिखाओ॥
2 कुरिन्थियों 8:10
और इस बात में मेरा विचार यही है, क्योंकि यह तुम्हारे लिये अच्छा है; जो एक वर्ष से न तो केवल इस काम को करने ही में, परन्तु इस बात के चाहने में भी प्रथम हुए थे।
2 कुरिन्थियों 8:1
अब हे भाइयों, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है।
2 कुरिन्थियों 6:6
पवित्रता से, ज्ञान से, धीरज से, कृपालुता से, पवित्र आत्मा से।
1 कुरिन्थियों 7:25
कुंवारियों के विषय में प्रभु की कोई आज्ञा मुझे नहीं मिली, परन्तु विश्वासयोग्य होने के लिये जैसी दया प्रभु ने मुझ पर की है, उसी के अनुसार सम्मति देता हूं।
1 कुरिन्थियों 7:12
दूसरें से प्रभु नहीं, परन्तु मैं ही कहता हूं, यदि किसी भाई की पत्नी विश्वास न रखती हो, और उसके साथ रहने से प्रसन्न हो, तो वह उसे न छोड़े।
रोमियो 12:9
प्रेम निष्कपट हो; बुराई से घृणा करो; भलाई मे लगे रहो।
रोमियो 11:12
सो यदि उन का गिरना जगत के लिये धन और उन की घटी अन्यजातियों के लिये सम्पत्ति का कारण हुआ, तो उन की भरपूरी से कितना न होगा॥
यहेजकेल 33:31
वे प्रजा की नाईं तेरे पास आते और मेरी प्रजा बन कर तेरे साम्हने बैठ कर तेरे वचन सुनते हैं, परन्तु वे उन पर चलते नहीं; मुंह से तो वे बहुत प्रेम दिखाते हैं, परन्तु उनका मन लालच ही में लगा रहता है।
यहोशू 24:14
इसलिये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर करके यहोवा की सेवा करो।