2 इतिहास 32:5
फिर हिजकिय्याह ने हियाव बान्ध कर शहरपनाह जहां कहीं टूटी थी, वहां वहां उसको बनवाया, और उसे गुम्मटों के बराबर ऊंचा किया और बाहर एक और शहरपनाह बनवाई, और दाऊदपुर में मिल्लो को दृढ़ किया। और बहुत से तीर और ढालें भी बनवाई।
Also he strengthened himself, | וַיִּתְחַזַּ֡ק | wayyitḥazzaq | va-yeet-ha-ZAHK |
up built and | וַיִּבֶן֩ | wayyiben | va-yee-VEN |
אֶת | ʾet | et | |
all | כָּל | kāl | kahl |
wall the | הַֽחוֹמָ֨ה | haḥômâ | ha-hoh-MA |
that was broken, | הַפְּרוּצָ֜ה | happĕrûṣâ | ha-peh-roo-TSA |
up it raised and | וַיַּ֣עַל | wayyaʿal | va-YA-al |
to | עַל | ʿal | al |
towers, the | הַמִּגְדָּל֗וֹת | hammigdālôt | ha-meeɡ-da-LOTE |
and another | וְלַח֙וּצָה֙ | wĕlaḥûṣāh | veh-la-HOO-TSA |
wall | הַֽחוֹמָ֣ה | haḥômâ | ha-hoh-MA |
without, | אַחֶ֔רֶת | ʾaḥeret | ah-HEH-ret |
repaired and | וַיְחַזֵּ֥ק | wayḥazzēq | vai-ha-ZAKE |
אֶת | ʾet | et | |
Millo | הַמִּלּ֖וֹא | hammillôʾ | ha-MEE-loh |
city the in | עִ֣יר | ʿîr | eer |
of David, | דָּוִ֑יד | dāwîd | da-VEED |
and made | וַיַּ֥עַשׂ | wayyaʿaś | va-YA-as |
darts | שֶׁ֛לַח | šelaḥ | SHEH-lahk |
and shields | לָרֹ֖ב | lārōb | la-ROVE |
in abundance. | וּמָֽגִנִּֽים׃ | ûmāginnîm | oo-MA-ɡee-NEEM |