2 इतिहास 31:2
और हिजकिय्याह ने याजकों के दलों को और लेवियों को वरन याजकों और लेवियों दोनों को, प्रति दल के अनुसार और एक एक मनुष्य को उसकी सेवकाई के अनुसार इसलिये ठहरा दिया, कि वे यहोवा की छावनी के द्वारों के भीतर होमबलि, मेलबलि, सेवा टहल, धन्यवाद और स्तुति किया करें।
And Hezekiah | וַיַּֽעֲמֵ֣ד | wayyaʿămēd | va-ya-uh-MADE |
appointed | יְחִזְקִיָּ֡הוּ | yĕḥizqiyyāhû | yeh-heez-kee-YA-hoo |
אֶת | ʾet | et | |
the courses | מַחְלְק֣וֹת | maḥlĕqôt | mahk-leh-KOTE |
priests the of | הַכֹּֽהֲנִ֣ים | hakkōhănîm | ha-koh-huh-NEEM |
and the Levites | וְ֠הַלְוִיִּם | wĕhalwiyyim | VEH-hahl-vee-yeem |
after | עַֽל | ʿal | al |
courses, their | מַחְלְקוֹתָ֞ם | maḥlĕqôtām | mahk-leh-koh-TAHM |
every man | אִ֣ישׁ׀ | ʾîš | eesh |
according to | כְּפִ֣י | kĕpî | keh-FEE |
service, his | עֲבֹֽדָת֗וֹ | ʿăbōdātô | uh-voh-da-TOH |
the priests | לַכֹּֽהֲנִים֙ | lakkōhănîm | la-koh-huh-NEEM |
and Levites | וְלַלְוִיִּ֔ם | wĕlalwiyyim | veh-lahl-vee-YEEM |
offerings burnt for | לְעֹלָ֖ה | lĕʿōlâ | leh-oh-LA |
and for peace offerings, | וְלִשְׁלָמִ֑ים | wĕlišlāmîm | veh-leesh-la-MEEM |
minister, to | לְשָׁרֵת֙ | lĕšārēt | leh-sha-RATE |
and to give thanks, | וּלְהֹד֣וֹת | ûlĕhōdôt | oo-leh-hoh-DOTE |
praise to and | וּלְהַלֵּ֔ל | ûlĕhallēl | oo-leh-ha-LALE |
in the gates | בְּשַֽׁעֲרֵ֖י | bĕšaʿărê | beh-sha-uh-RAY |
tents the of | מַֽחֲנ֥וֹת | maḥănôt | ma-huh-NOTE |
of the Lord. | יְהוָֽה׃ | yĕhwâ | yeh-VA |