2 Chronicles 18:26
उन से कहो, राजा यों कहता है, कि इस को बन्दीगृह में डालो, और जब तक मैं कुशल से न आऊं, तब तक इसे दु:ख की रोटी और पानी दिया करो।
2 Chronicles 18:26 in Other Translations
King James Version (KJV)
And say, Thus saith the king, Put this fellow in the prison, and feed him with bread of affliction and with water of affliction, until I return in peace.
American Standard Version (ASV)
and say, Thus saith the king, Put this fellow in the prison, and feed him with bread of affliction and with water of affliction, until I return in peace.
Bible in Basic English (BBE)
And say, By the king's order this man is to be put in prison, and given prison food till I come back in peace.
Darby English Bible (DBY)
and ye shall say, Thus says the king: Put this [man] in the prison, and feed him with bread of affliction and with water of affliction, until I return in peace.
Webster's Bible (WBT)
And say, Thus saith the king, Put this man in the prison, and feed him with bread of affliction and with water of affliction, until I return in peace.
World English Bible (WEB)
and say, Thus says the king, Put this fellow in the prison, and feed him with bread of affliction and with water of affliction, until I return in peace.
Young's Literal Translation (YLT)
and ye have said, Thus said the king, Put ye this `one' in the house of restraint, and cause him to eat bread of oppression, and water of oppression, till my return in peace.'
| And say, | וַֽאֲמַרְתֶּ֗ם | waʾămartem | va-uh-mahr-TEM |
| Thus | כֹּ֚ה | kō | koh |
| saith | אָמַ֣ר | ʾāmar | ah-MAHR |
| king, the | הַמֶּ֔לֶךְ | hammelek | ha-MEH-lek |
| Put | שִׂ֥ימוּ | śîmû | SEE-moo |
| this | זֶ֖ה | ze | zeh |
| prison, the in fellow | בֵּ֣ית | bêt | bate |
| הַכֶּ֑לֶא | hakkeleʾ | ha-KEH-leh | |
| and feed | וְהַֽאֲכִלֻ֜הוּ | wĕhaʾăkiluhû | veh-ha-uh-hee-LOO-hoo |
| bread with him | לֶ֤חֶם | leḥem | LEH-hem |
| of affliction | לַ֙חַץ֙ | laḥaṣ | LA-HAHTS |
| and with water | וּמַ֣יִם | ûmayim | oo-MA-yeem |
| affliction, of | לַ֔חַץ | laḥaṣ | LA-hahts |
| until | עַ֖ד | ʿad | ad |
| I return | שׁוּבִ֥י | šûbî | shoo-VEE |
| in peace. | בְשָׁלֽוֹם׃ | bĕšālôm | veh-sha-LOME |
Cross Reference
2 इतिहास 16:10
तब आसा दशीं पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। और उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों को पीसने भी लगा।
मत्ती 12:24
परन्तु फरीसियों ने यह सुनकर कहा, यह तो दुष्टात्माओं के सरदार शैतान की सहायता के बिना दुष्टात्माओं को नहीं निकालता।
लूका 3:19
परन्तु उस ने चौथाई देश के राजा हेरोदेस को उसके भाई फिलेप्पुस की पत्नी हेरोदियास के विषय, और सब कुकर्मों के विषय में जो उस ने किए थे, उलाहना दिया।
लूका 23:2
और वे यह कहकर उस पर दोष लगाने लगे, कि हम ने इसे लोगों को बहकाते और कैसर को कर देने से मना करते, और अपने आप को मसीह राजा कहते हुए सुना है।
प्रेरितों के काम 5:18
और प्रेरितों को पकड़कर बन्दीगृह में बन्द कर दिया।
प्रेरितों के काम 22:22
वे इस बात तक उस की सुनते रहे; तब ऊंचे शब्द से चिल्लाए, कि ऐसे मनुष्य का अन्त करो; उसका जीवित रहता उचित नहीं।
2 कुरिन्थियों 11:23
(मैं पागल की नाईं कहता हूं) मैं उन से बढ़कर हूं! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में।
1 थिस्सलुनीकियों 5:2
क्योंकि तुम आप ठीक जानते हो कि जैसा रात को चोर आता है, वैसा ही प्रभु का दिन आने वाला है।
प्रकाशित वाक्य 11:10
और पृथ्वी के रहने वाले, उन के मरने से आनन्दित और मगन होंगे, और एक दूसरे के पास भेंट भेजेंगे, क्योंकि इन दोनों भविष्यद्वक्ताओं ने पृथ्वी के रहने वालों को सताया था
मत्ती 5:12
आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था॥
यिर्मयाह 20:2
सो पशहूर ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को मारा और उसे उस काठ में डाल दिया जो यहोवा के भवन के ऊपर बिन्यामीन के फाटक के पास है।
1 शमूएल 25:21
दाऊद ने तो सोचा था, कि मैं ने जो जंगल में उसके सब माल की ऐसी रक्षा की कि उसका कुछ भी न खोया, यह नि:सन्देह व्यर्थ हुआ; क्योंकि उसने भलाई के बदले मुझ से बुराई ही की है।
1 राजा 22:26
तब इस्राएल के राजा ने कहा, मीकायाह को नगर के हाकिम आमोन और योआश राजकुमार के पास ले जा;
2 इतिहास 18:15
राजा ने उस से कहा, मुझे कितनी बार तुझे शपथ धरा कर चिताना होगा, कि तू यहोवा का स्मरण कर के मुझ से सच ही कह।
भजन संहिता 10:5
वह अपने मार्ग पर दृढ़ता से बना रहता है; तेरे न्याय के विचार ऐसे ऊंचे पर होते हैं, कि उसकी दृष्टि वहां तक नहीं पहुंचती; जितने उसके विरोधी हैं उन पर वह फुंकारता है।
भजन संहिता 80:5
तू ने आंसुओं को उनका आहार कर दिया, और मटके भर भर के उन्हें आंसु पिलाए हैं।
भजन संहिता 102:9
क्योंकि मैं ने रोटी की नाईं राख खाई और आंसू मिला कर पानी पीता हूं।
नीतिवचन 14:16
बुद्धिमान डर कर बुराई से हटता है, परन्तु मूर्ख ढीठ हो कर निडर रहता है।
यशायाह 30:20
और चाहे प्रभु तुम्हें विपत्ति की रोटी और दु:ख का जल भी दे, तौभी तुम्हारे उपदेशक फिर न छिपें, और तुम अपनी आंखों से अपने उपदेशकों को देखते रहोगे।
व्यवस्थाविवरण 29:19
और ऐसा मनुष्य इस शाप के वचन सुनकर अपने को आशीर्वाद के योग्य माने, और यह सोचे कि चाहे मैं अपने मन के हठ पर चलूं, और तृप्त हो कर प्यास को मिटा डालूं, तौभी मेरा कुशल होगा।