1 Kings 3:9
तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?
1 Kings 3:9 in Other Translations
King James Version (KJV)
Give therefore thy servant an understanding heart to judge thy people, that I may discern between good and bad: for who is able to judge this thy so great a people?
American Standard Version (ASV)
Give thy servant therefore an understanding heart to judge thy people, that I may discern between good and evil; for who is able to judge this thy great people?
Bible in Basic English (BBE)
Give your servant, then, a wise heart for judging your people, able to see what is good and what evil; for who is able to be the judge of this great people?
Darby English Bible (DBY)
Give therefore to thy servant an understanding heart, to judge thy people, to discern between good and bad; for who is able to judge this thy numerous people?
Webster's Bible (WBT)
Give therefore to thy servant an understanding heart to judge thy people, that I may discern between good and bad: for who is able to judge this thy so great a people?
World English Bible (WEB)
Give your servant therefore an understanding heart to judge your people, that I may discern between good and evil; for who is able to judge this your great people?
Young's Literal Translation (YLT)
and Thou hast given to Thy servant an understanding heart, to judge Thy people, to discern between good and evil; for who is able to judge this Thy great people?'
| Give | וְנָֽתַתָּ֙ | wĕnātattā | veh-na-ta-TA |
| therefore thy servant | לְעַבְדְּךָ֜ | lĕʿabdĕkā | leh-av-deh-HA |
| an understanding | לֵ֤ב | lēb | lave |
| heart | שֹׁמֵ֙עַ֙ | šōmēʿa | shoh-MAY-AH |
| judge to | לִשְׁפֹּ֣ט | lišpōṭ | leesh-POTE |
| אֶֽת | ʾet | et | |
| thy people, | עַמְּךָ֔ | ʿammĕkā | ah-meh-HA |
| that I may discern | לְהָבִ֖ין | lĕhābîn | leh-ha-VEEN |
| between | בֵּֽין | bên | bane |
| good | ט֣וֹב | ṭôb | tove |
| and bad: | לְרָ֑ע | lĕrāʿ | leh-RA |
| for | כִּ֣י | kî | kee |
| who | מִ֤י | mî | mee |
| is able | יוּכַל֙ | yûkal | yoo-HAHL |
| judge to | לִשְׁפֹּ֔ט | lišpōṭ | leesh-POTE |
| this | אֶת | ʾet | et |
| thy so great | עַמְּךָ֥ | ʿammĕkā | ah-meh-HA |
| הַכָּבֵ֖ד | hakkābēd | ha-ka-VADE | |
| a people? | הַזֶּֽה׃ | hazze | ha-ZEH |
Cross Reference
याकूब 1:5
पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।
2 शमूएल 14:17
सो तेरी दासी ने सोचा, कि मेरे प्रभु राजा के वचन से शान्ति मिले; क्योंकि मेरा प्रभु राजा परमेश्वर के किसी दूत की नाईं भले-बुरे में भेद कर सकता है; इसलिये तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहे।
इब्रानियों 5:14
पर अन्न सयानों के लिये है, जिन के ज्ञानेन्द्रिय अभ्यास करते करते, भले बुरे में भेद करने के लिये पक्के हो गए हैं॥
नीतिवचन 2:3
और प्रवीणता और समझ के लिये अति यत्न से पुकारे,
भजन संहिता 72:1
हे परमेश्वर, राजा को अपना नियम बता, राजपुत्र को अपना धर्म सिखला!
1 इतिहास 22:12
अब यहोवा तुझे बुद्धि और समझ दे और इस्राएल का अधिकारी ठहरा दे, और तू अपने परमेश्वर यहोवा की व्यवस्था को मानता रहे।
भजन संहिता 119:34
मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूंगा और पूर्ण मन से उस पर चलूंगा।
नीतिवचन 16:16
बुद्धि की प्राप्ति चोखे सोने से क्या ही उत्तम है! और समझ की प्राप्ति चान्दी से अति योग्य है।
यशायाह 11:2
और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, युक्ति और पराक्रम की आत्मा, और ज्ञान और यहोवा के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी।
यूहन्ना 5:30
मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता; जैसा सुनता हूं, वैसा न्याय करता हूं, और मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, परन्तु अपने भेजने वाले की इच्छा चाहता हूं।
याकूब 3:17
पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।
इफिसियों 5:17
इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो, कि प्रभु की इच्छा क्या है?
2 कुरिन्थियों 3:5
यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है।
भजन संहिता 119:144
तेरी चितौनियां सदा धर्ममय हैं; तू मुझ को समझ दे कि मैं जीवित रहूं॥
2 इतिहास 1:10
अब मुझे ऐसी बुद्धि और ज्ञान दे, कि मैं इस प्रजा के साम्हने अन्दर- बाहर आना-जाना कर सकूं, क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?
फिलिप्पियों 1:10
यहां तक कि तुम उत्तम से उत्तम बातों को प्रिय जानो, और मसीह के दिन तक सच्चे बने रहो; और ठोकर न खाओ।
2 कुरिन्थियों 2:16
कितनो के लिये तो मरने के निमित्त मृन्यु की गन्ध, और कितनो के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्ध, और इन बातों के योग्य कौन है?
निर्गमन 4:10
मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूं।
1 राजा 3:28
जो न्याय राजा ने चुकाया था, उसका समाचार समस्त इस्राएल को मिला, और उन्होंने राजा का भय माना, क्योंकि उन्होंने यह देखा, कि उसके मन में न्याय करने के लिये परमेश्वर की बुद्धि है।
1 इतिहास 29:19
और मेरे पुत्र सुलैमान का मन ऐसा खरा कर दे कि वह तेरी आज्ञाओं चितौनियों और विधियों को मानता रहे और यह सब कुछ करे, और उस भवन को बनाए, जिसकी तैयारी मैं ने की है।
भजन संहिता 119:73
तेरे हाथों से मैं बनाया और रचा गया हूं; मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को सीखूं।
नीतिवचन 3:13
क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो बुद्धि पाए, और वह मनुष्य जो समझ प्राप्त करे,
नीतिवचन 14:8
चतुर की बुद्धि अपनी चाल का जानना है, परन्तु मूर्खों की मूढ़ता छल करना है।
नीतिवचन 20:12
सुनने के लिये कान और देखने के लिये जो आंखें हैं, उन दोनों को यहोवा ने बनाया है।
सभोपदेशक 7:11
बुद्धि बपौती के साथ अच्छी होती है, वरन जीवित रहने वालों के लिये लाभकारी है।
सभोपदेशक 7:19
बुद्धि ही से नगर के दस हाकिमों की अपेक्षा बुद्धिमान को अधिक सामर्थ प्राप्त होती है।
सभोपदेशक 9:15
परन्तु उस में एक दरिद्र बुद्धिमान पुरूष पाया गया, और उसने उस नगर को अपनी बुद्धि के द्वारा बचाया। तौभी किसी ने उस दरिद्र का स्मरण न रखा।
यिर्मयाह 1:6
तब मैं ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा! देख, मैं तो बोलना ही नहीं जानता, क्योंकि मैं लड़का ही हूँ।
मत्ती 3:11
मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूं, परन्तु जो मेरे बाद आनेवाला है, वह मुझ से शक्तिशाली है; मैं उस की जूती उठाने के योग्य नहीं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।
मत्ती 3:14
परन्तु यूहन्ना यह कहकर उसे रोकने लगा, कि मुझे तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्यक्ता है, और तू मेरे पास आया है?
1 कुरिन्थियों 2:14
परन्तु शारीरिक मनुष्य परमेश्वर के आत्मा की बातें ग्रहण नहीं करता, क्योंकि वे उस की दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है क्योंकि उन की जांच आत्मिक रीति से होती है।
निर्गमन 3:11
तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, मै कौन हूं जो फिरौन के पास जाऊं, और इस्राएलियोंको मिस्र से निकाल ले आऊं ?