Skip to content
TAMIL CHRISTIAN SONGS .IN
TAMIL CHRISTIAN SONGS .IN
  • Lyrics
  • Chords
  • Bible
  • /
  • A
  • B
  • C
  • D
  • E
  • F
  • G
  • H
  • I
  • J
  • K
  • L
  • M
  • N
  • O
  • P
  • Q
  • R
  • S
  • T
  • U
  • V
  • W
  • X
  • Y
  • Z

Index
  • A
  • B
  • C
  • D
  • E
  • F
  • G
  • H
  • I
  • J
  • K
  • L
  • M
  • N
  • O
  • P
  • Q
  • R
  • S
  • T
  • U
  • V
  • W
  • X
  • Y
  • Z
1 Corinthians 4 KJV ASV BBE DBY WBT WEB YLT

1 Corinthians 4 in Hindi WBT Compare Webster's Bible

1 Corinthians 4

1 मनुष्य हमें मसीह के सेवक और परमेश्वर के भेदों के भण्डारी समझे।

2 फिर यहां भण्डारी में यह बात देखी जाती है, कि विश्वास योग्य निकले।

3 परन्तु मेरी दृष्टि में यह बहुत छोटी बात है, कि तुम या मनुष्यों का कोई न्यायी मुझे परखे, वरन मैं आप ही अपने आप को नहीं परखता।

4 क्योंकि मेरा मन मुझे किसी बात में दोषी नहीं ठहराता, परन्तु इस से मैं निर्दोष नहीं ठहरता, क्योंकि मेरा परखने वाला प्रभु है।

5 सो जब तक प्रभु न आए, समय से पहिले किसी बात का न्याय न करो: वही तो अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा, तब परमेश्वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी॥

6 हे भाइयों, मैं ने इन बातों में तुम्हारे लिये अपनी और अपुल्लोस की चर्चा, दृष्टान्त की रीति पर की है, इसलिये कि तुम हमारे द्वारा यह सीखो, कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना, और एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में गर्व न करना।

7 क्योंकि तुझ में और दूसरे में कौन भेद करता है? और तेरे पास क्या है जो तू ने (दूसरे से) नहीं पाया: और जब कि तु ने (दूसरे से) पाया है, तो ऐसा घमण्ड क्यों करता है, कि मानों नही पाया?

8 तुम तो तृप्त हो चुके; तुम धनी हो चुके, तुम ने हमारे बिना राज्य किया; परन्तु भला होता कि तुम राज्य करते कि हम भी तुम्हारे साथ राज्य करते।

9 मेरी समझ में परमेश्वर ने हम प्रेरितों को सब के बाद उन लोगों की नाईं ठहराया है, जिन की मृत्यु की आज्ञा हो चुकी हो; क्योंकि हम जगत और स्वर्गदूतों और मनुष्यों के लिये एक तमाशा ठहरे हैं।

10 हम मसीह के लिये मूर्ख है; परन्तु तुम मसीह में बुद्धिमान हो: हम निर्बल हैं परन्तु तुम बलवान हो: तुम आदर पाते हो, परन्तु हम निरादर होते हैं।

11 हम इस घड़ी तक भूखे-प्यासे और नंगे हैं, और घूंसे खाते हैं और मारे मारे फिरते हैं;

12 और अपने ही हाथों से काम करके परिश्रम करते हैं। लोग बुरा कहते हैं, हम आशीष देते हैं; वे सताते हैं, हम सहते हैं।

13 वे बदनाम करते हैं, हम बिनती करते हैं: हम आज तक जगत के कूड़े और सब वस्तुओं की खुरचन की नाईं ठहरे हैं॥

14 मैं तुम्हें लज्ज़ित करने के लिये ये बातें नहीं लिखता, परन्तु अपने प्रिय बालक जानकर उन्हें चिताता हूं।

15 क्योंकि यदि मसीह में तुम्हारे सिखाने वाले दस हजार भी होते, तौभी तुम्हारे पिता बहुत से नहीं, इसलिये कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा मैं तुम्हारा पिता हुआ।

16 सो मैं तुम से बिनती करता हूं, कि मेरी सी चाल चलो।

17 इसलिये मैं ने तीमुथियुस को जो प्रभु में मेरा प्रिय और विश्वासयोग्य पुत्र है, तुम्हारे पास भेजा है, और वह तुम्हें मसीह में मेरा चरित्र स्मरण कराएगा, जैसे कि मैं हर जगह हर एक कलीसिया में उपदेश करता हूं।

18 कितने तो ऐसे फूल गए हैं, मानों मैं तुम्हारे पास आने ही का नहीं।

19 परन्तु प्रभु चाहे तो मैं तुम्हारे पास शीघ्र ही आऊंगा, और उन फूले हुओं की बातों को नहीं, परन्तु उन की सामर्थ को जान लूंगा।

20 क्योंकि परमेश्वर का राज्य बातों में नहीं, परन्तु सामर्थ में है।

21 तुम क्या चाहते हो क्या मैं छड़ी लेकर तुम्हारे पास आऊं या प्रेम और नम्रता की आत्मा के साथ?

  • Tamil
  • Hindi
  • Malayalam
  • Telugu
  • Kannada
  • Gujarati
  • Punjabi
  • Bengali
  • Oriya
  • Nepali

By continuing to browse the site, you are agreeing to our use of cookies.

Close