Ezekiel 11:1
तब आत्मा ने मुझे उठा कर यहोवा के भवन के पूवीं फाटक के पास जिसका मुंह पूवीं दिशा की ओर है, पहुंचा दिया; और वहां मैं ने क्या देखा, कि फाटक ही में पच्चीस पुरुष हैं। और मैं ने उनके बीच अज्जूर के पुत्र याजन्याह को और बनायाह के पुत्र पलत्याह को देखा, जो प्रजा के प्रधान थे।
Moreover the spirit | וַתִּשָּׂ֨א | wattiśśāʾ | va-tee-SA |
lifted me up, | אֹתִ֜י | ʾōtî | oh-TEE |
ר֗וּחַ | rûaḥ | ROO-ak | |
and brought | וַתָּבֵ֣א | wattābēʾ | va-ta-VAY |
me unto | אֹ֠תִי | ʾōtî | OH-tee |
the east | אֶל | ʾel | el |
gate | שַׁ֨עַר | šaʿar | SHA-ar |
of the Lord's | בֵּית | bêt | bate |
house, | יְהוָ֤ה | yĕhwâ | yeh-VA |
which looketh | הַקַּדְמוֹנִי֙ | haqqadmôniy | ha-kahd-moh-NEE |
eastward: | הַפּוֹנֶ֣ה | happône | ha-poh-NEH |
and behold | קָדִ֔ימָה | qādîmâ | ka-DEE-ma |
at the door | וְהִנֵּה֙ | wĕhinnēh | veh-hee-NAY |
gate the of | בְּפֶ֣תַח | bĕpetaḥ | beh-FEH-tahk |
five | הַשַּׁ֔עַר | haššaʿar | ha-SHA-ar |
and twenty | עֶשְׂרִ֥ים | ʿeśrîm | es-REEM |
men; | וַחֲמִשָּׁ֖ה | waḥămiššâ | va-huh-mee-SHA |
among | אִ֑ישׁ | ʾîš | eesh |
saw I whom | וָאֶרְאֶ֨ה | wāʾerʾe | va-er-EH |
בְתוֹכָ֜ם | bĕtôkām | veh-toh-HAHM | |
Jaazaniah | אֶת | ʾet | et |
son the | יַאֲזַנְיָ֧ה | yaʾăzanyâ | ya-uh-zahn-YA |
of Azur, | בֶן | ben | ven |
and Pelatiah | עַזֻּ֛ר | ʿazzur | ah-ZOOR |
son the | וְאֶת | wĕʾet | veh-ET |
of Benaiah, | פְּלַטְיָ֥הוּ | pĕlaṭyāhû | peh-laht-YA-hoo |
princes | בֶן | ben | ven |
of the people. | בְּנָיָ֖הוּ | bĕnāyāhû | beh-na-YA-hoo |
שָׂרֵ֖י | śārê | sa-RAY | |
הָעָֽם׃ | hāʿām | ha-AM |